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Ahoi Ashtami Vrat 2024: पहली बार कर रही हैं अहोई अष्टमी का व्रत, तो जरूर बरतें ये सावधानियां

हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami Vrat Niyam) का व्रत महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा माना गया है कि इस व्रत को करने से संतान को तरक्की और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। कई स्थानों पर इसे अहोई आठे भी कहा जाता है। इस व्रत को निर्जला रखने का विधान है और व्रत का पारण तारों को अर्घ्य देकर किया जाता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 17 Oct 2024 11:34 AM (IST)
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Ahoi Ashtami 2024 अहोई अष्टमी के व्रत पर बरतें ये सावधानियां।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष पर की अष्टमी तिथि पर अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। ऐसे में इस बार यह व्रत गुरुवार, 24 अक्टूबर को यह व्रत किया जाएगा। अहोई अष्टमी का व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा अपनी संतान की रक्षा हेतु किया जाता है। ऐसे में यदि आप भी इस व्रत को करने जा रहे हैं, तो इन नियमों का ध्यान जरूर रखें, ताकि आपके व्रत में कोई बाधा न उत्पन्न हो।

इस प्रकार सुनें कथा

अहोई अष्टमी पर कथा का पाठ करना बेहद जरूरी माना जाता है। ऐसे में सबसे पहले समस्त शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें। इसके बाद अहोई अष्टमी की कथा सुनें। इस दौरान सात प्रकार के अनाज को आपकी हथेली पर रखें। कथा पूरी होने के बाद इसे गाय को खिला दें।

इन्हें कराएं भोजन

अहोई अष्टमी की पूजा के समय अपने पुत्र या पुत्री को अपने साथ बिठाएं। पूजा समाप्त होने के बाद सबसे पहले बच्चों को प्रसाद खिलाएं। इसके बाद ब्राह्मण, जरूरतमंदों और गाय को भोजन खिलाएं। ऐसा करने से आपको व्रत का शुभ फल प्राप्त होता है।

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न करें यह गलतियां (Ahoi Ashtami Niyam)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी के दिन मिट्टी से जुड़ा कोई भी काम जैसे बगीचे आदि का काम नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन नुकीली चीजों के इस्तेमाल जैसे सुई आदि का काम करने से भी बचना चाहिए। अहोई अष्टमी के व्रत के दिन किसी बड़े का अपमान न करें और न ही लड़ाई-झगड़ा करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि तारों को अर्घ्य देते समय स्टील से बने लोटे का ही इस्तेमाल करें, न कि तांबे से बने लोटे का। इन सभी कार्यों को करने से आपका व्रत खंडित हो सकता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।