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Aja Ekadashi 2024 Date: 28 या 29 अगस्त कब है अजा एकादशी? एक क्लिक में दूर करें कंफ्यूजन

भाद्रपद माह की एकादशी (Bhadrapada Ekadashi 2024 Date) पर भगवान विष्णु की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है जो साधक इस शुभ दिन का उपवास रखते हैं और विधिवत पूजा-पाठ करते हैं उन्हें सुख- शांति की प्राप्ति होती है। इस माह एकादशी 29 अगस्त को मनाई जाएगी तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 22 Aug 2024 06:48 PM (IST)
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Aja Ekadashi 2024 Date: कब है अजा एकादशी?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद माह की पहली एकादशी 29 अगस्त को मनाई जाएगी, जिसे अजा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भक्त श्रीहरि के लिए कठिन व्रत और तप करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसका (Bhadrapada Ekadashi 2024) पालन करने से धन और सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही संसार की समस्त चिंताओं से मुक्ति मिलती है, तो आइए इसकी पूजा विधि और सही तिथि जानते हैं।

कब है अजा एकादशी? (Bhadrapada Ekadashi 2024 Date)

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ गुरुवार 29 अगस्त को देर रात 1 बजकर 19 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन शुक्रवार 30 अगस्त को देर रात 01 बजकर 37 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी।

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अजा एकादशी पूजन विधि (Bhadrapada Ekadashi 2024 Puja Vidhi)

अजा एकादशी के दिन सुबह स्नान कर पीला वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मंदिर को साफ करें। पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। एक वेदी पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान का पंचामृत से अभिषेक करें। पीले फूलों की माला अर्पित करें। हल्दी या फिर गोपी चंदन का तिलक लगाएं। पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं। पूजा में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें। आरती से पूजा का समापन करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे। अगले दिन पूजा-पाठ के बाद अपने व्रत का पारण करें।

अजा एकादशी पूजा मंत्र

  • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।