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Aja Ekadashi 2024: इस विधि से करें अजा एकादशी की पूजा, नोट करें पारण समय, भोग और प्रिय पुष्प से लेकर सबकुछ

भाद्रपद माह की एकादशी (Bhadrapada Ekadashi 2024) पर भगवान विष्णु की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन का व्रत करते हैं और सच्चे भाव के साथ आराधना करते हैं उन्हें सुख और शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस माह एकादशी आज यानी 29 अगस्त को मनाई जा रही है तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 29 Aug 2024 09:37 AM (IST)
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Aja Ekadashi 2024: अजा एकादशी पारण समय
 धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी का बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इस शुभ दिन पर भक्त पूर्ण आस्था के साथ उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस माह भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 29 अगस्त यानी आज मनाई जा रही है, जो लोग श्री हरि को प्रसन्न करने की कामना करते हैं, उन्हें इस दिन व्रत (Aja Ekadashi 2024) का पालन अवश्य करना चाहिए।

अजा एकादशी विशेष भोग

पंचामृत और पंजीरी, बेसन के लड्डू।

श्री हरी प्रिय भोग

पारिजात, मालती, केवड़ा, चंपा, कमल, गुलाब, मोगरा, और कनेर का फूल।

अजा एकादशी पारण समय

अजा एकादशी व्रत का पारण 30 अगस्त 2024 को सुबह 7 बजकर 49 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक के बीच किया जा सकता है।

अजा एकादशी शुभ योग

अजा एकादशी पर सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है, जिसका समापन शाम 06 बजकर 18 मिनट पर होगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 04 बजकर 39 मिनट से शुरू होगा और 30 अगस्त को सुबह 05 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं, इस दिन बव और बालव करण का भी निर्माण हो रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान किए गए मांगलिक कार्य कभी असफल नहीं होते हैं। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है।

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अजा एकादशी पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
  • एक वेदी लें और उसपर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
  • देसी घी का दीपक जलाएं, फूल-माला चढ़ाएं, चंदन का तिलक लगाएं और तुलसी पत्र अर्पित करें।
  • भगवान विष्णु को पंचामृत, फल और मखाने की खीर या घर पर बनी कोई भी मिठाई अर्पित करें।
  • अजा एकादशी कथा का पाठ करें और श्री हरि के मंत्रों का जाप करें।
  • आरती से पूजा पूर्ण करें और परिवार के सभी सदस्यों में पंचामृत बांटें।
  • इस दिन जो लोग व्रत नहीं कर रहे हैं, उन्हें भी चावल से परहेज करना चाहिए।
  • साथ ही तामसिक चीजों से दूर रहें।

अजा एकादशी मंत्र

1. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।

यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

2. ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।।

3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।