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Akshaya Navami 2024 Date: नवंबर महीने में कब है अक्षय नवमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

अक्षय नवमी (Akshaya Navami 2024 Importance) पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्रती पर धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। इस शुभ अवसर पर महिलाएं संध्याकाल पूजा तक व्रत रखती हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 03 Nov 2024 06:36 PM (IST)
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Akshaya Navami 2024: अक्षय नवमी का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल अष्टमी तिथि के अगले दिन अक्षय नवमी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर आंवला पेड़ की पूजा की जाती है। साथ ही आंवला पेड़ के नीचे भोजन पकाया जाता है। यह भोजन सबसे पहले भगवान विष्णु और महादेव को अर्पित किया जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि धन की देवी ने सबसे पहले आंवले के पेड़ की पूजा की थी। साथ ही पेड़ के नीचे भोजन पकाकर भगवान विष्णु और महादेव को खाना खिलाया था। तत्कालीन समय से हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी (Akshaya Navami 2024 Date) मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर आंवला पेड़ की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही सभी दुख दूर हो जाते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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अक्षय नवमी शुभ मुहूर्त (Akshay Navami Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 09 नवंबर को देर रात 10 बजकर 45 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, नवमी तिथि का समापन 10 नवंबर को रात 09 बजकर 01 मिनट पर होगा। अतः 10 नवंबर को अक्षय नवमी मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं व्रत रख सकती हैं।

अक्षय नवमी शुभ योग (Akshay Navami Shubh Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो आंवला नवमी पर दुर्लभ ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग 11 नवंबर को देर रात 01 बजकर 42 मिनट तक है। साधक प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद विधिपूर्वक आंवला पेड़ की पूजा कर सकते हैं। इस शुभ अवसर पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, नवमी तिथि तक दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में आंवला पेड़ की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 40 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 30 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 53 मिनट पर

चन्द्रास्त देर रात 01 बजकर 24 मिनट पर (11 नवंबर)

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 55 मिनट से 05 बजकर 47 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।