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Akshaya Tritiya 2024: अलग-अलग शहरों में ये रहेगा अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त

हर साल वैशाख माह की शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में साल 2024 में 10 मई शुक्रवार के दिन मनाया जा रहा है। इस दिन मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। साथ ही इस दिन पर कुबेर देव की पूजा-अर्चना करना भी शुभ फलदायी माना जाता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 10 May 2024 09:56 AM (IST)
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Akshaya Tritiya 2024 अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Akshaya Tritiya 2024: हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी खरीदने से इंसान के भाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही अक्षय तृतीया एक स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी है, क्योंकि इस दिन को भी शुभ या मांगलिक कार्य बिना पंचांग देखे किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कि विभिन्न शहरों में अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है।

अन्य शहरों में अक्षय तृतीया मुहूर्त (Akshaya Tritiya Puja Muhurat)

  • पुणे - सुबह 06 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
  • नई दिल्ली - सुबह 05 बजकर 33 से 12 बजकर 18 मिनट तक
  • चेन्नई - सुबह 05 बजकर 45 से 12 बजकर 06 मिनट तक
  • जयपुर - सुबह 05 बजकर 42 से 12 बजकर 23 मिनट तक
  • हैदराबाद - सुबह 05 बजकर 46 से 12 बजकर 13 मिनट तक
  • गुरुग्राम - सुबह 05 बजकर 34 से 12 बजकर 18 मिनट तक
  • चण्डीगढ़ - सुबह 05 बजकर 31 से 12 बजकर 20 मिनट तक
  • कोलकाता - सुबह 04 बजकर 59 से 11 बजकर 33 मिनट तक
  • मुम्बई - सुबह 06 बजकर 06 से 12 बजकर 35 मिनट तक
  • बेंगलुरु - सुबह 05 बजकर 56 से 12 बजकर 16 मिनट तक
  • अहमदाबाद - सुबह 06 बजकर 01 से 12 बजकर 36 मिनट तक
  • नोएडा - सुबह 05 बजकर 33 से 12 बजकर 17 मिनट तक

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अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त - 10 मई, सुबह 5 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक।

क्यों खास है अक्षय तृतीया

कई स्थानों पर अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में इसे अत्यधिक शुभ एवं पवित्र दिन माना गया है। अक्षय शब्द का अर्थ होता है कभी कम न होने वाला होता है। इसलिए यह माना जाता है कि इस दिन किए गए कार्यों का शुभ परिणाम मिलता है और इस दिन किए गए जप, यज्ञ, पितृ-तर्पण, दान-पुण्य आदि का लाभ कभी कम नहीं होता।

मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया सौभाग्य एवं सफलता प्रदान करती है। इतना ही नहीं, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेता युग का आरम्भ भी अक्षय तृतीया के दिन से ही हुआ था। साथ ही इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु का ही अवतार माने गए हैं।

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