Move to Jagran APP

Amalaki Ekadashi 2024: इस दिन मनाई जाएगी आमलकी एकादशी, जानिए महत्व और पारण का समय

आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2024) का उपवास करने से सभी पापों का नाश हो जाता है। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु को आंवले का फल चढ़ाने से अच्छे स्वास्थ्य धन और समृद्धि की प्राप्ति होती। ऐसे में जो लोग जीवन में कई सारी मुश्किलों से परेशान हैं उन्हें इस दिन का उपवास जरूर करना चाहिए।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 09 Mar 2024 09:19 AM (IST)
Hero Image
malaki Ekadashi 2024: आमलकी एकादशी का महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Amalaki Ekadashi 2024: सनातन धर्म में आमलकी एकादशी बेहद शुभ मानी गई है। यह पर्व शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा भाव के साथ करने से मनचाहा वरदान मिलता है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास रहता है। तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

आमलकी एकादशी किस दिन है ?

आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2024 Shubh Muhurt) की शुरुआत 20 मार्च दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इसकी समाप्ति अगले दिन 21 मार्च, 2024 दोपहर 02 बजकर 22 मिनट पर होगी। साथ ही इसका पारण 21 मार्च दोपहर 01 बजकर 07 मिनट से 3 बजकर 32 मिनट तक के बीच होगा।

आमलकी एकादशी का महत्व

आमलकी एकादशी का व्रत शास्त्रों में अत्यधिक शुभ माना जाता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस दिन का उपवास रखने से सौभाग्य, समृद्धि और खुशी की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से सभी पाप धुल जाते हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु को आंवले का फल चढ़ाने से अच्छे स्वास्थ्य, धन और समृद्धि का भी आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में जो लोग जीवन में कई सारी मुश्किलों से परेशान हैं, उन्हें इस दिन का उपवास जरूर करना चाहिए। साथ ही व्रत के नियमों का पालन करते हुए पारण समय पर व्रत का पारण करना चाहिए।

आमलकी एकादशी पूजन मंत्र

  • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
यह भी पढ़ें: Mahashivratri 2024: प्रकृति से इस तरह जुड़े हुए हैं भगवान शिव के ये संकेत, युवा ले सकते हैं शिक्षा

डिसक्लेमर: ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''