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Amalaki Ekadashi 2024: कब मनाई जाएगी आमलकी एकादशी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2024) का व्रत हिंदुओं में बेहद शुभ माना जाता है। इस उपवास को रखने से सौभाग्य समृद्धि और खुशी में वृद्धि होती है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार इस व्रत को करने से सभी पाप धुल जाते हैं। साथ ही श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइए इस दिन का शुभ मुहूर्त और पूजा नियम जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 08 Mar 2024 02:14 PM (IST)
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Amalaki Ekadashi 2024: आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Amalaki Ekadashi 2024: आमलकी एकादशी का विशेष महत्व है। यह पर्व शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के साथ धन की देवी यानी मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा भाव के साथ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में बरकत का वास होता है। तो आइए इस व्रत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त

आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2024 Shubh Muhurt) की शुरुआत 20 मार्च दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 21 मार्च, 2024 दोपहर 02 बजकर 22 मिनट पर होगा, जो जातक इस दिन का उपवास रख रहे हैं वे 21 मार्च को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट से 3 बजकर 32 मिनट तक के बीच अपना पारण कर सकते हैं।

आमलकी एकादशी पूजा विधि

  • आमलकी एकादशी के दिन सुबह स्नान करें।
  • भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद पूजा घर को साफ करें।
  • एक वेदी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • भगवान का पंचामृत से स्नान करवाएं।
  • पीले फूलों की माला अर्पित करें।
  • हल्दी या फिर गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
  • पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं।
  • विष्णु जी का ध्यान करें।
  • पूजा में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें।
  • अंत में आरती करें।
  • पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
  • गरीबों व जरूरतमंदों को भोजन कराएं और उनकी मदद करें।
  • अगले दिन सुबह पूजा-पाठ के बाद अपना व्रत खोलें।

भगवान विष्णु पूजन मंत्र

  • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'