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Amavasya List 2024: साल 2024 में कब-कब है अमावस्या? यहां देखें पूरी लिस्ट

सनातन धर्म में अमावस्या के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है और जप-तप दान पुण्य भी किया जाता है। साथ ही पिंडदान और पितरों का तर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या के अवसर पर गंगा स्नान दान-पुण्य करने से साधक की मनचाही मनोकामना पूरी होती है और पितरों का तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 24 Dec 2023 06:35 PM (IST)
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Amavasya List 2024: साल 2024 में कब-कब है अमावस्या, यहां देखें पूरी लिस्ट

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Amavasya List 2024: सनातन धर्म में अमावस्या के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है और जप-तप, दान, पुण्य भी किया जाता है। साथ ही पिंडदान और पितरों का तर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या के अवसर पर गंगा स्नान, दान-पुण्य करने से साधक की मनचाही मनोकामना पूरी होती है और पितरों का तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। साल 2024 में आने वाली सभी अमावस्या का विशेष महत्व है। चलिए जानते हैं साल 2024 में कब किस तारीख को अमावस्या है 

साल 2024 की अमावस्या लिस्ट

11 जनवरी-पौष अमावस्या

9 फरवरी-माघ अमावस्या

10 मार्च-फाल्गुन अमावस्या

8 अप्रैल-चैत्र अमावस्या

8 मई-वैशाख अमावस्या

6 जून-ज्येष्ठ अमावस्या

5 जुलाई-आषाढ़ अमावस्या

4 अगस्त-श्रावण अमावस्या

2 सितंबर-भाद्रपद अमावस्या

2 अक्टूबर-अश्विन अमावस्या

1 नवंबर-कार्तिक अमावस्या

1 दिसंबर-मार्गशीर्ष अमावस्या

30 दिसंबर- पौष अमावस्या

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अमावस्या पूजा विधि

  • अमावस्या के दिन सुबह उठें और स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
  • अब भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  • इसके बाद पंचोपचार कर विधिपूर्वक जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें।
  • पूजा के दौरान विष्णु चालीसा का पाठ करें या सुने।
  • विष्णु स्तोत्र और मंत्र जाप करना भी फलदायी होता है।
  • भगवान विष्णु से सुख, समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें।
  • श्री हरी की आरती करें और अंत में भोग लगाएं।
  • प्रसाद का वितरण करें।

अमावस्या का महत्व

अमावस्या के दिन व्रत, स्नान-दान करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। मान्यता के अनुसार, अमावस्या के अवसर पर पवित्र नदी और तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से साधक को शुभ फल मिलता है। अमावस्या के दिन भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद पितरों का तर्पण करना चाहिए। पितरों की आत्मा की शांति के लिए अमावस्या व्रत करना चाहिए और गरीबों को दान देना चाहिए।

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Author- Kaushik Sharma

डिस्क्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।