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Anant Chaturdashi 2023: अनंत चतुर्दशी के दिन रक्षा सूत्र में क्यों लगाई जाती हैं 14 गांठ, जानिए महत्व

Anant sutra Importance भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान विष्णु जी की पूजा के लिए समर्पित है। साथ ही इस दिन गणपति विसर्जन भी किया जाता है। इस साल अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर 2023 गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी के दिन 14 गांठों वाले अनंत सूत्र का क्या महत्व है। रक्षा सूत्र को कलाई पर बांधने से पाप नष्ट हो जाते हैं।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 27 Sep 2023 01:29 PM (IST)
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Anant Chaturdashi 2023 जानिए अनंत चतुर्दशी के दिन सूत्र में 14 गांठ लगाने का क्या है महत्व।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Anant Chaturdashi Puja: सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अनंत चतुर्दशी का दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का लिए समर्पित है। अनंत चतुर्दशी को चौदस के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि अनन्त चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा और व्रत करने से साधक को बैकुंठ की प्राप्ति होती है।

इसलिए लगाई जाती हैं 14 गांठ (Anant Sutra Importance)

अनन्त चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन एक कच्ची डोरी में 14 गांठ लगाकर भगवान विष्णु को अर्पित करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये 14 गांठ 14 लोकों का प्रतीक हैं, जो इस प्रकार हैं - भूर्लोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक, ब्रह्मलोक, अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल लोक।

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अनंत सूत्र के नियम (Anant Sutra ke Niyam)

अनन्त चतुर्दशी के दिन भगवान श्री हरि की पूजा के बाद एक कच्ची रेशम की डोरी लेकर उसे हल्दी या केसर से रंगें। इसके बाद उस डोर में चौदह गांठ लगाएं और इस सूत्र को भगवान श्री हरि को अर्पित करें। साथ ही इस दौरान ऊँ अनंताय नमः मंत्र का जाप करें।

फिर इस सूत्र को पुरुष अपने दाएं हाथ और महिलाएं अपने बाएं हाथ की कलाई पर बांधे। इस रक्षा सूत्र को रात्रि में उतार कर रख देना चाहिए और अगले दिन किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। मान्यता है कि इस रक्षा सूत्र को अपनी कलाई पर बांधने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है।

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