Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी व्रत में इन चीजों का कर सकते हैं सेवन, प्राप्त होगी भगवान विष्णु की कृपा
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2024 Vrat) का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि की उपासना करने से जातक को सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन रक्षा सूत्र बांधने से जातक की फूटी किस्मत चमक सकती है। आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी व्रत में किन चीजों का सेवन कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भादप्रद पूर्णिमा के दिन अनंत चतुर्दशी ( Anant Chaturdashi 2024) मनाई जाती है। यह पर्व जगत के पालनहार भगवन विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर श्रीहरि की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। अगर आप इस व्रत (Anant Chaturdashi 2024 Vrat) को कर रहे हैं, तो खानपान के नियम का जरूर पालन करें। इन नियम का पालन करने से विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है और किस्मत चमक सकती है।
अनंत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त (Anant Chaturdashi Subh Muhurat Time)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 16 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 10 मिनट से हो गई है। वहीं, इसका समापन 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में आज यानी 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 11 बजकर 44 मिनट तक है।
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इन चीजों का कर सकते हैं सेवन
अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद विष्णु जी की पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें। दिनभर व्रत रखें और प्रभु के नाम का जप करें। व्रत (Anant Chaturdashi Vrat Falahar) के दौरान आप आलू साबुदाना की सब्जी, फल, मिठाई, साबूदाने की टिक्की, शकरकंद और कुट्टू के आटे के पकोड़े का सेवन कर सकते हैं। व्रत फलाहार में दूध और दही को भी शामिल किया जा सकता है। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि आप व्रत के भोजन में सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करें।इन चीजों को ग्रहण करने से पहले भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को भोग जरूर लगाएं। भोग अर्पित करते समय निम्न मंत्र का जप करें। माना जता है कि मंत्र जप के बिना प्रभु भोग स्वीकार नहीं करते हैं।त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।यह भी पढ़ें: Anant Chaturdashi 2024: भगवान अनंत के अपमान से ऋषि कौंडिन्य को करना पड़ा दुखों का सामना, पढ़ें इससे जुड़ी कथा
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