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Anant Kaal Sarp Yog: इस वजह से कुंडली में बनता है अनंत कालसर्प दोष, इन उपायों से पाएं निजात

अनंत कालसर्प दोष से पीड़ित जातक मानसिक तनाव से पीड़ित हो सकते हैं। जातक को हर समय किसी न किसी चीज की चिंता बनी रहती है। करियर और कारोबार में भी परेशानी आती है। कई अवसर पर कारोबार में बड़ा नुकसान होता है। धन के चोरी या खोने का भी खतरा रहता है। इस दोष से पीड़ित जातक को अल्प समय में अमीर बनने की भी लालच होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 30 Apr 2024 04:22 PM (IST)
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Anant Kaal Sarp Yog: इस वजह से कुंडली में बनता है अनंत कालसर्प दोष, इन उपायों से पाएं निजात
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Anant Kaal Sarp Yog: ज्योतिष कुंडली देखकर व्यक्ति के भूत, वर्तमान और भविष्य की गणना करते हैं। इससे व्यक्ति के आगामी जीवन की पूरी जानकारी मिल जाती है। कुंडली में बारह भाव होते हैं। इन भावों में शुभ और अशुभ ग्रह विराजमान होते हैं। साथ ही दृष्टि भी बनाते हैं। इन ग्रहों के संयोग से कई मंगलकारी और कष्टकारी योग बनते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो कालसर्प दोष, अंगारक दोष और गुरु चांडाल दोष अधिक कष्टकारी होते हैं। कालसर्प दोष कई प्रकार के हैं। इनमें प्रथम अनंत कालसर्प दोष है। आइए, अनंत कालसर्प दोष के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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कैसे बनता है अनंत कालसर्प दोष ?

ज्योतिषियों की मानें तो राहु के लग्न भाव और केतु के जीवनसाथी के भाव में रहने और इन दोनों ग्रहों के मध्य सभी शुभ और अशुभ ग्रह के उपस्थित होने पर अनंत कालसर्प दोष बनता है। जीवनसाथी भाव में केतु के रहने पर जातक की शादी में बहुत बाधा आती है। कई अवसर पर कालसर्प दोष के चलते भी जातक को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।

अनंत कालसर्प दोष के प्रभाव

अनंत कालसर्प दोष से पीड़ित जातक मानसिक तनाव से पीड़ित हो सकते हैं। जातक को हर समय किसी न किसी चीज की चिंता बनी रहती है। करियर और कारोबार में भी परेशानी आती है। कई अवसर पर कारोबार में बड़ा नुकसान होता है। धन के चोरी या खोने का भी खतरा रहता है। इस दोष से पीड़ित जातक को अल्प समय में अमीर बनने की भी लालच होती है।

उपाय

अनंत कालसर्प दोष का निवारण कराना श्रेष्ठकर होता है। इस दोष का निवारण नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर और उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में किया जाता है। अतः ज्योतिष द्वारा प्रदत्त (दिए गए) तिथियों पर निवारण करवाएं। साथ ही कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए रोजाना शिव जी की पूजा करें और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। साथ ही नाग देवता की पूजा करें।

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डिस्क्लेमर-''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'