Apara Ekadashi 2024: हरि वासर में भूलकर भी न करें अपरा एकादशी व्रत का पारण, जानिए समय और विधि
अपरा एकादशी का व्रत बहुत शुभ माना जाता है। प्रत्येक माह में दो एकादशी आती हैं। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस महीने अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2024) का व्रत 2 जून 2024 यानी आज के दिन रखा जा रहा है तो आइए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी का दिन बेहद शुभ होता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं। प्रत्येक माह में दो एकादशी आती हैं। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस महीने अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2024) का व्रत 2 जून 2024 यानी आज के दिन रखा जा रहा है, तो आइए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
अपरा एकादशी 2024 तिथि और पारण समय
3 जून 2024, दोपहर 01 बजकर 05 मिनट से 03 बजकर 44 मिनट के बीच पारण किया जाएगा। वहीं, हरि वासर की समाप्ति का क्षण सुबह 08 बजकर 05 मिनट का है।अपरा एकादशी पारण नियम
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- भगवान विष्णु और लड्डू गोपाल जी की मूर्ति का अभिषेक करें।
- उन्हें नया वस्त्र पहनाएं और उनका शृंगार करें।
- गोपी चंदन और हल्दी का तिलक लगाएं।
- भगवान विष्णु के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं।
- तुलसी पत्र, पंजीरी, पंचामृत, फल और सूखे मेवे का भोग लगाएं।
- उनके किसी भी मंत्र का 108 बार जाप करें
- पूजा का समापन भगवान विष्णु की आरती से करें।
- व्रत का पारण सात्विक भोजन से करें।
- तामसिक चीजों से दूर रहें।
- तले-भूने और तामसिक चीजों से व्रत न खोलें।
- व्रती भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत खोलें।
- गरीबों को भोजन खिलाएं और वस्त्रों का दान करें।
भगवान विष्णु के मंत्र
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
- ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
यह भी पढ़ें: Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी के दिन करें भगवान विष्णु की ये आरती, घर स्वयं चलकर आएंगी मां लक्ष्मी
अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।