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Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ अमावस्या पर इस शुभ मुहूर्त में करें स्नान-दान और पूजा, पितृ होंगे प्रसन्न

अमावस्या तिथि पर पितरों की पूजा की जाती है। साथ ही उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं। मान्यता है कि पितरों के प्रसन्न होने से जातक को पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आषाढ़ में पड़ने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। चलिए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Thu, 04 Jul 2024 10:02 AM (IST)
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Ashadha Amavasya 2024:आषाढ़ अमावस्या पर जरूर करें दान। (Pic Credit-Freepik)

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ashadha Amavasya Puja Time: पंचांग के अनुसार 05 जुलाई को अमावस्या तिथि पड़ रही है। इस शुभ अवसर पर स्नान-दान का विशेष महत्व है। साथ ही भगवान विष्णु और पितरों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। गरुड़ पुराण में वर्णन है कि अगर कोई इंसान किसी वजह से अपने पितरों को पितृ पक्ष के दौरान तर्पण करना भूल जाता है, तो आषाढ़ अमावस्या के दिन पितृ तर्पण कर सकता है।  

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आषाढ़ अमावस्या 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Ashadha Amavasya 2024 Date and Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि 05 जुलाई 2024 को सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 06 जुलाई को 04 बजकर 26 मिनट पर होगा। ऐसे में आषाढ़ अमावस्या का पर्व 05 जुलाई 2024 को मनाया जाएगा। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना बेहद उत्तम माना जाता है। आषाढ़ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 08 मिनट से लेकर 04 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। पूजा करने के बाद दान करें।

करें ये कार्य

अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा संभव नहीं है, तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल ड़ालकर स्नान करें। इसके बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितरों की पूजा करें। अंत में उन्हें खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद अमावस्या पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र का दान करें। धार्मिक मत है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है।  

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।