Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ अमावस्या पर न करें ये कार्य, वरना जीवन में आएंगी कई मुसीबतें
अमावस्या तिथि को श्री हरि और मां लक्ष्मी के पूजन के लिए बहुत फलदायी माना गया है। सनातन शास्त्रों में अमावस्या के दिन कुछ कार्यों को करना वर्जित है। मान्यता है कि इन कार्यों को करने से जातक को जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और पितृ नाराज हो सकते हैं। चलिए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या के दिन किन कार्यों को नहीं करना चाहिए?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ashadha Amavasya 2024 Niyam: आषाढ़ के महीने में आने वाली अमावस्या को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि मांगलिक कार्यों को करने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। आषाढ़ अमावस्या पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही पितरों का तर्पण और पिंडदान करने का विधान है। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
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आषाढ़ अमावस्या के नियम (Ashadha Amavasya Ke Niyam)
- अमावस्या के दिन शराब और मांस के सेवन से दूर रहें।
- किसी के प्रति मन में गलत विचार धारण न करें।
- इस दिन झाड़ू नहीं खरीदनी चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
- पशु-पक्षी को परेशान न करें।
- घर में लड़ाई झगड़ा न करें।
- बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए।
- अमावस्या के दिन दिन शुभ कार्य जैसे- शादी, गृह प्रवेश और मुंडन आदि कार्य नहीं करने चाहिए।
- किसी को गलत शब्द न बोले और क्रोध करने से बचें। ऐसा करने से पितृ दोष लग सकता है।
आषाढ़ अमावस्या 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Kab Hai Ashadha Amavasya 2024)पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 05 जुलाई 2024 को सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 06 जुलाई को 04 बजकर 26 मिनट पर होगा। ऐसे में आषाढ़ अमावस्या का पर्व 05 जुलाई 2024 को मनाया जाएगा।पितृ कवच का जरूर करें पाठ
कृणुष्व पाजः प्रसितिम् न पृथ्वीम् याही राजेव अमवान् इभेन।तृष्वीम् अनु प्रसितिम् द्रूणानो अस्ता असि विध्य रक्षसः तपिष्ठैः॥तव भ्रमासऽ आशुया पतन्त्यनु स्पृश धृषता शोशुचानः।तपूंष्यग्ने जुह्वा पतंगान् सन्दितो विसृज विष्व-गुल्काः॥प्रति स्पशो विसृज तूर्णितमो भवा पायु-र्विशोऽ अस्या अदब्धः।यो ना दूरेऽ अघशंसो योऽ अन्त्यग्ने माकिष्टे व्यथिरा दधर्षीत्॥
उदग्ने तिष्ठ प्रत्या-तनुष्व न्यमित्रान् ऽओषतात् तिग्महेते।यो नोऽ अरातिम् समिधान चक्रे नीचा तं धक्ष्यत सं न शुष्कम्॥ऊर्ध्वो भव प्रति विध्याधि अस्मत् आविः कृणुष्व दैव्यान्यग्ने।अव स्थिरा तनुहि यातु-जूनाम् जामिम् अजामिम् प्रमृणीहि शत्रून्।यह भी पढ़ें: Mangalwar Ke Totke: बेहद चमत्कारी हैं मंगलवार के ये टोटके, संकट होंगे दूर, जीवन होगा सुखमय
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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