Ashadha Gupt Navratri 2024: इस वाहन पर सवार होकर आएंगी जगत की देवी मां दुर्गा, रहना होगा सतर्क!
सनातन शास्त्रों में जगत की देवी मां दुर्गा की महिमा का गुणगान विस्तार पूर्वक किया गया है। मार्कंडेय पुराण में देवी की महिमा सात सौ श्लोंको में की गई है। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख शांति खुशहाली और समृद्धि आती है। साधक श्रद्धा भाव से मां दुर्गा की पूजा-उपासना करते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 20 Jun 2024 10:00 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ashadha Gupt Navratri 2024: सनातन धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व है। सामान्यजन चैत्र और शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा एवं उपासना करते हैं। वहीं, विशेष विद्या में सिद्धि पाने वाले साधक गुप्त नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की साधना करते हैं। चैत्र महीने में चैत्र और आश्विन महीने में शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। जबकि, माघ और आषाढ महीने में गुप्त नवरात्र मनाया जाता है। गु्प्त नवरात्र के दौरान दस महाविद्याओं की देवियों की कठिन साधना की जाती है। कठिन साधना से प्रसन्न होकर मां दुर्गा साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस वर्ष आषाढ़ गुप्त नवरात्र 6 जुलाई से लेकर 15 जुलाई के मध्य है। गुप्त नवरात्र के अंतिम दिन यानी 15 जुलाई को भड़ली नवमी है। ज्योतिषियों की मानें तो जगत की देवी मां दुर्गा का वाहन दिन अनुसार निर्धारित होता है। आषाढ़ गुप्त नवरात्र पर मां दुर्गा अश्व पर सवार होकर आएंगी। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥गजेश जलदा देवी क्षत्रभंग तुरंगमे।नौकायां कार्यसिद्धिस्यात् दोलायों मरणधु्रवम्॥यह श्लोक देवीपुराण में निहित है। इस श्लोक का भावार्थ इस प्रकार है। सोमवार और रविवार के दिन जगत की देवी मां दुर्गा गज यानी हाथी पर सवार होकर आती हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं। वहीं, बुधवार के दिन नाव पर विराजमान होकर आती हैं। जबकि, गुरुवार और शुक्रवार के दिन मां डोले पर सवार होकर आती हैं। अश्व पर सवार होकर मां दुर्गा का आना उत्तम नहीं माना जाता है। अश्व पर मां दुर्गा के आने पर युद्ध की स्थिति पैदा होती है। साथ ही व्यक्ति विशेष के जीवन में व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकता है।