Ashadha Month 2024: आषाढ़ मास में जरूर करें इन चीजों का दान, नहीं होगी अन्न-धन की कमी
सनातन धर्म में आषाढ़ मास का बहुत महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास का आरंभ 23 जून से हो रहा है। वहीं इस महीने का समापन 21 जुलाई को होगा। इस दौरान लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस माह श्री हरि की पूजा के साथ दान-पुण्य करते हैं उन्हें भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है तो आइए जानते हैं -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में आषाढ़ माह बहुत फलदायी माना जाता है, जिसकी शुरुआत जल्द होने वाली है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दौरान श्री हरि की पूजा और दान-पुण्य करते हैं, उनके जीवन में शुभता का आगमन होता है। इसके साथ ही परिवार में खुशहाली आती है। वहीं, इस माह (Ashadha Month 2024) में कुछ चीजों का दान बहुत लाभकारी माना जाता है, तो चलिए जानते हैं -
अन्न का करें दान
आषाढ़ मास में अन्न दान का दान करना चाहिए। यह बहुत कल्याणकारी माना जाता है, जो लोग इस माह अन्न का दान करते हैं, उनके घर कभी अन्न और धन की कमी नहीं रहती है। इसके साथ अपार यश की प्राप्ति होती है। इस महादान से पापों का नाश भी होता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद सदैव के लिए बना रहता है।वस्त्र का करें दान
आषाढ़ माह में वस्त्र का दान भी जरूर करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस माह किसी जरूरतमंद को वस्त्र का दान करते हैं उनके पुण्यों में वृद्धि होती है। इसके साथ ही उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति है और घर की दरिद्रता का नाश सदैव के लिए हो जाता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि वस्त्र फटे-पुराने नहीं होने चाहिए।
काले तिल का करें दान
आषाढ़ महीने में काले तिल का दान जरूर करना चाहिए। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दौरान काले तिल का दान करते हैं उन्हें अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।यह भी पढ़ें: Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन श्री हरि की पूजा से मिलेगा चमत्कारी लाभ, जरूर करें यह कार्यअस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।