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Ashadha Purnima 2024: आषाढ़ पूर्णिमा पर बन रहे हैं ये शुभ योग, पूजन नियम से लेकर जानें संपूर्ण जानकारी, मिलेगा अपार धन और यश

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह 21 जुलाई यानी आज के दिन मनाई जा रही है। इस तिथि पर पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है। वहीं इस शुभ अवसर पर चंद्रमा को अर्घ्य देना भी कल्याणकारी माना जाता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 21 Jul 2024 10:42 AM (IST)
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Ashadha Purnima 2024: आषाढ़ पूर्णिमा योग -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पूर्णिमा का हिंदुओं के बीच बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह पर्व सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है, जब चंद्रमा अपने पूर्ण स्वरूप में होते हैं। पूर्णिमा हर महीने पड़ती है और इस बार यह आज यानी 21 जुलाई, 2024 को मनाई जा रही है। इस शुभ दिन को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं और रीति-रिवाज हैं।

ऐसा कहा जाता है कि इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा, गंगा स्नान और चंद्र देव को अर्घ्य अवश्य देना चाहिए, तो चलिए इस शुभ अवसर से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं, जो यहां दी गई हैं।

भोग - खीर

शुभ योग

  • सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 05 बजकर 36 मिनट से अगले दिन मध्य रात्रि 12 बजकर 14 मिनट तक
  • अमृत काल - शाम 06 बजकर 15 मिनट से रात 07 बजकर 45 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक

चंद्रोदय का समय

चंद्रोदय 21 जुलाई, 2024 को शाम 6 बजकर 47 मिनट पर होगा। बता दें, इसके पश्चात आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं।

पूजन नियम

पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। एक वेदी लें और उस पर श्री यंत्र के साथ भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। देसी घी का दीपक जलाएं और फूल-माला अर्पित करें। मिठाई, पंचामृत और तुलसी पत्र अर्पित करें। सत्यनारायण कथा का पाठ करें और विष्णु मंत्र का जाप करें। आरती से पूजा का समापन करें। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य अवश्य करना चाहिए। इस तिथि पर भगवत गीता और रामायण जैसे पवित्र ग्रंथ का पाठ चाहिए। इस दिन गाय को चारा खिलाना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करना बहुत जरूरी होता है।

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