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Sawan 2024: सावन में क्यों पहना जाता है हरा रंग? जानें इसके पीछे का धार्मिक कारण

इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है। यह पूरा माह देवों के देव महादेव की पूजा के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। कहा जाता है कि इस अवधि में भगवान शंकर धरती पर आते हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने हरा रंग पहनने का विधान है जो बेहद शुभ माना जाता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 15 Jul 2024 06:56 PM (IST)
Sawan 2024: सावन में क्यों पहना जाता है हरा रंग? जानें इसके पीछे का धार्मिक कारण
Sawan 2024: इन कारणों से पहना जाता है सावन में हरा रंग -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। श्रावण यानि सावन का महीना, जो भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है यह माह भोलेनाथ को अति प्रिय है। इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई से होगी और समापन 19 अगस्त को होगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मास (Sawan 2024) में देवों के देव महादेव अपने ससुराल पृथ्वीलोक पर आते हैं। यह महीना शंकर भगवान की पूजा और अभिषेक के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, तो आइए इस माह से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं -

इन कारणों से पहना जाता है सावन में हरा रंग

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सावन का महीना प्रकृति से जुड़ा होता हैं और हरा प्रकृति का रंग है। इसके साथ ही इस दौरान भारी बारिश की वजह से हर तरफ हरियाली छाई रहती है। वहीं, यह रंग प्रकृति का रंग होने के साथ-साथ सौभाग्य से जुड़ा होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस रंग के जरिए लोग प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता को भी दर्शाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भोलेनाथ को हरा रंग बेहद प्रिय है, जिस वजह से सावन के दौरान हरा रंग पहना जाता है।

इस पूरे माह महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां और साड़ी पहनती हैं, जिससे जीवन में शुभता का आगमन होता है। इसके साथ ही महिलाएं इस दौरान मेहंदी भी लगाती हैं, जो हरे रंग की होने की वजह से शुभ मानी जाती है।

शिव जी पूजा मंत्र

1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

2. शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।