Bada Mangal 2023: बड़े मंगलवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, सभी संकटों से मिलेगा निजात
Bada Mangal 2023 बड़े मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को बल बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के क्लेश दूर हो जाते हैं। इस दिन साधक हनुमान जी के निमित्त व्रत उपवास भी रखते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 08 May 2023 05:38 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क |Bada Mangal 2023: हिंदी पंचांग के अनुसार, कल बड़ा मंगल है। इसे बुढ़वा मंगल भी कहते हैं। यह पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ माह के पहले मंगल के दिन मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन लखनऊ स्थित अलीगंज के हनुमान मंदिर में मंदिर में उत्सव जैसा माहौल रहता है। बड़ी संख्या में भक्तगण हनुमान जी के दर्शन हेतु मंदिर आते है। इनमें मुस्लिम धर्म के अनुयायी भी शामिल रहते हैं। यह पर्व हनुमान मंदिर में धूम-धाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि बड़े मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के क्लेश दूर हो जाते हैं। इस दिन साधक हनुमान जी के निमित्त व्रत उपवास भी रखते हैं। ज्योतिषों की मानें तो कुंडली में मंगल कमजोर रहने से जातक पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं, प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में मंगल रहने पर जातक मांगलिक कहलाता है। जातक के मांगलिक होने पर शादी में बाधा आती है। साथ ही वैवाहिक जीवन में भी परेशानी आती है। अगर आप भी जीवन में व्याप्त संकटों से निजात पाना चाहते हैं, तो बड़े मंगलवार के दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जरूर जाप करें। आइए जानते हैं-
1.ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥
हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।ओम हं हनुमंताय नम:
2.आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर।त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात।3.अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं,दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं,रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।4.
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणायसर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।5.ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभमकुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम।।'6.ॐ क्षिति पुत्राय विदमहे लोहितांगायधीमहि-तन्नो भौम: प्रचोदयात।7.ॐ अं अंगारकाय नम: ॐ भौं भौमाय नम:"ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिमुखाय गरुडानना
मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा।।8.'ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।'9.ॐ पूर्व कपि मुखाय पंचमुख हनुमते टं टं टं टं सकल शत्रु संहारणाय स्वाहा।10.ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।डिस्क्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।