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Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी के दिन क्यों पहने जाते हैं पीले वस्त्र? जानें इसका धार्मिक महत्व

Basant Panchami 2024 हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इस बार माघ महीने में 14 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने का बेहद महत्व है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Sat, 03 Feb 2024 01:14 PM (IST)
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Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी के दिन क्यों पहने जाते हैं पीले वस्त्र? जानें इसका धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Basant Panchami 2024: सनातन धर्म में बसंत पंचमी के पर्व को बेहद खास माना गया है। हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। यही वजह है कि इस दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस बार माघ महीने में 14 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने का बेहद महत्व है। आखिर क्यों धारण किए जाते हैं इस रंग के वस्त्र। आइए जानते हैं इस दिन पीले वस्त्र पहनने का धार्मिक महत्व।

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पीला रंग का धार्मिक महत्व

मान्यता है कि मां सरस्वती को पीला रंग बेहद प्रिय है। ऐसा कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन पीला रंग का प्रयोग करने से सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है और विद्या की देवी मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं। यही वजह है कि इस खास अवसर पर पीला रंग का प्रयोग किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का इस्तेमाल करने के कई कारण है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीला रंग ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। बसंत पंचमी के दिन से ठंड में कमी आती है और वसंत ऋतु का आगमन होता है। मान्यता है कि इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करने से इंसान की कुंडली में बृहस्‍पति की स्थिति मजबूत होती है।

ऐसा माना जाता है कि मां सरस्वती को पीले चावल बेहद प्रिय है, तो इसलिए इस दिन मीठे पीले चावल बनाकर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने के बाद भोग लगाएं। इसके पश्चात लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।