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Basant Panchami 2024: देश के किस राज्य में कैसे मनाया जाता है बसंत पंचमी का पर्व? यहां जानें

Basant Panchami 2024 मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए बसंत पंचमी का दिन काफी खास होता है। बसंत पंचमी के दिन से वसंत ऋतु का आगमन होता है। बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का पर्व मनाया जाता है। यही वजह है कि बसंत पंचमी को होली के त्योहार का आरंभ माना जाता है। देश के लगभग हर राज्य में बसंत पंचमी काफी धूमधाम के साथ मनाई जाती है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Sun, 04 Feb 2024 10:35 AM (IST)
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Basant Panchami 2024: देश के किस राज्य में कैसे मनाया जाता है बसंत पंचमी का पर्व? यहां जानें
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Basant Panchami 2024: देश के लगभग हर राज्य में बसंत पंचमी काफी धूमधाम के साथ मनाई जाती है। इस साल बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा। बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन से वसंत ऋतु का आगमन होता है। बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का पर्व मनाया जाता है। यही वजह है कि बसंत पंचमी को होली के त्योहार का आरंभ माना जाता है। मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए बसंत पंचमी का दिन काफी खास होता है। देश के लगभग हर राज्य में बसंत पंचमी काफी धूमधाम के साथ मनाई जाती है। आइए आपको बताते हैं किस राज्य में कैसे मनाया जाता है बसंत पंचमी का पर्व।

उत्तराखंड

उत्तराखंड में बसंत पंचमी पर्व के दिन पूजा के दौरान मां सरस्वती को फूल, पत्ते और पलाश की लकड़ी अर्पित करते हैं। इसके अलावा कई लोग देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना भी करते हैं और नृत्य करते हैं। स्थानीय लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं।

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पंजाब और हरियाणा

इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में बसंत पंचमी के त्योहार को बेहद उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन लोग मंदिर या गुरुद्वारे में जाकर पूजा करते हैं और पतंग उड़ाते हैं। इसके अलावा कुछ विशेष व्यंजनों को बनाया जाता है जैसे- खिचड़ी और मीठे चावल, सरसों का साग और मक्के की रोटी।

राजस्थान और उत्तर प्रदेश

राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बसंत पंचमी के अवसर पर स्कूलों में कार्यकम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा पीले वस्त्र पहनकर लोग मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं।

बिहार

इस राज्य में बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और माथे पर हल्दी का तिलक लगाते हैं। मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। लोक गीत गाते और नृत्य करते हैं।

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में बसंत पंचमी के खास अवसर कई जगहों पर पंडाल लगाए जाते हैं और देवी सरस्वती की मूर्ति स्थापित की जाती है। अधिक संख्या में लोग इकट्ठा होकर पूजा-अर्चना करते हैं।

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

Pic Credit- Freepik