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Basant Panchami Vrat 2024: बसंत पंचमी व्रत में न करें ये गलतियां, वरना पूजा होगी असफल

बसंत पंचमी को उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस खास अवसर पर मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। इस दिन व्रत के दौरान भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से पूजा सफल नहीं होती है और मां सरस्वती नाराज हो जाती हैं। आइए जानते हैं कि बसंत पंचमी व्रत में किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Wed, 14 Feb 2024 09:40 AM (IST)
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Basant Panchami Vrat 2024: बसंत पंचमी व्रत में न करें ये गलतियां, वरना पूजा होगी असफल

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Basant Panchami Vrat ke Niyam: बसंत पंचमी का पर्व आज यानी 14 फरवरी को मनाया जा रहा है। हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर यह त्योहार मनाया जाता है। बसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। मान्यता के अनुसार इस तिथि पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती अवतरित हुई थीं। इसलिए इस दिन बसंत पंचमी का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस खास अवसर पर मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। इस दिन व्रत के दौरान भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से पूजा सफल नहीं होती है और मां सरस्वती नाराज हो जाती हैं। आइए जानते हैं कि बसंत पंचमी व्रत में किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

बसंत पंचमी व्रत के नियम (Basant Panchami Vrat ke Niyam)

-बसंत पंचमी व्रत के दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। मान्यता के अनुसार, मां सरस्वती को पीला रंग बेहद प्रिय है। इस दिन काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। क्योंकि काला रंग अशुभ माना जाता है।

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-अगर आप बसंत पंचमी का व्रत कर रहे हैं, तो मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के बाद ही कुछ ग्रहण करें। पूजा करने से पहले कुछ खाने से व्रत का पुण्य नष्ट हो जाता है।

-इसके अलावा बसंत पंचमी के दिन मांस और शराब का सेवन न करें और किसी भी तरह का नशा न करें।

-इस दिन आप स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।

-बसंत पंचमी व्रत के दौरान भूलकर भी गलत वाणी नहीं बोलनी चाहिए। क्योंकि मां सरस्वती को वाणी की देवी माना गया है।

-इस दिन महिलाओं और बुजर्गों को परेशान न करें।

-बसंत पंचमी व्रत का पारण करने से पहले मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। उनका प्रिय फल बेर या मीठे पीले चावल ग्रहण कर व्रत खोलना चाहिए।

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