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Bathing Tips: अगर आप भी निर्वस्त्र होकर करते हैं स्नान, तो इस आदत को आज ही बदलें, लग सकता है पितृ दोष

आपने अपने घर में बड़े-बुजुर्गों को कहते सुना होगा की कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा की गई वस्त्र हरण लीला से पता चलता है कि निवस्त्र होकर स्नान करने के क्या नुकसान हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Thu, 18 May 2023 12:52 PM (IST)
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Bathing Tips शास्त्रों के अनुसार निर्वस्त्र होकर नहीं करना चाहिए स्नान।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Bathing Tips: स्नान करना हमारी दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह तन को तो साफ करता ही है। साथ ही इससे नए दिन की शुरुआत करने के लिए ऊर्जा भी मिलती है। हिंदू धर्म में स्नान को लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं। उन्हीं में से एक नियम है निर्वस्त्र स्नान न करना। इसके पीछे कुछ कारण भी दिए गए हैं। आइए जानते हैं इस नियम के पीछे छिपे धार्मिक कारण।

जानिए पौराणिक कथा  

निर्वस्त्र होकर स्नान न करने के नियम के पीछे एक पौराणिक कथा भी मौजूद है। जब गोपियां सरोवर में निर्वस्त्र होकर स्नान कर रही थीं तभी श्रीकृष्ण ने उसके वस्त्रों का हरण कर लिया था। इसके बाद उन्होंने वस्त्रों को छिपा दिया। जब गोपियों ने अपने वस्त्र वापिस लेने के लिए कृष्ण भगवान से प्रार्थना की तब उन्होंने समझाया कि बिना वस्त्रों के स्नान करने से जल देवता का अपमान होता है। इसके बाद सभी गोपियों ने कृष्ण जी की बात मान ली।

होता है वरुण देवता का अपमान

कई लोग इसलिए भी निर्वस्त्र होकर नहाते हैं कि उन्हें कोई देख नहीं रहा। लेकिन सच तो यह है कि ईश्वर आपको हर स्थान पर देख सकते हैं। ऐसा करना वरुण देवता का अपमान समझा जाता है। इससे वह रुष्ट होते हैं और आपको पाप लग सकता है। जिससे आपको संकटों का सामना भी करना पड़ सकता है।

शरीर में आती है नकारात्मकता

बिना कपड़ों के स्नान करने से शरीर में नकारात्मकता का प्रवेश होता है। जिसके कारण व्यक्ति की मानसिकता भी नकारात्मक हो जाती है। साथ ही इससे माता लक्ष्मी भी आपसे रुष्ट हो सकती हैं। इसलिए नहाने समय कोई एक कपड़ा जरूर धारण करें।

लग सकता है पितृ दोष

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि निर्वस्त्र स्नान करने से आपको पितृ दोष भी लग सकता है। क्योंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हमारे मृत पूर्वज हमारे आस-पास ही मौजूद रहते हैं। निर्वस्त्र स्नान करने से उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती। जो पितृ दोष का कारण बन जाता है। वहीं पद्मपुराण के अनुसार, नहाने वाला पानी पूर्वजों के हिस्से में जाता है ऐसे में निर्वस्त्र होकर नहाने से इसे पितरों के समक्ष बिना कपड़ों के नहाना ही समझा जाता है।

By- Suman Saini

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