Bathing Tips: हिंदू धर्म में क्या है नहाने का सही समय, सफलता पाने के लिए बोलें ये मंत्र
शरीर की सफाई के लिए रोज नहाना जरूरी है। इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है। हिंदू धर्म में नहाने का एक सही समय और तरीका बताया गया है। अगर आप इसका पालन करते हैं तो जीवन में समृद्धि बनी रहती है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Bathing Tips: हिंदू संस्कृति पर नजर डाले तो पहले लोग नदियों में स्नान के लिए जाया करते थे, और नदी में डुबकी लगाकर नहाते थे। यह सेहत की दृष्टि से भी काफी फायदेमंद था। लेकिन आज के समय में यह संभव नहीं है। इसलिए नहाने का सही तरीका जानना बेहद जरूरी है।
कैसा हो पानी का तापमान
पानी का तापमान कमरे के तापमान से थोड़ा ठंडा होना चाहिए। गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए। सुबह 4 से 5 के बीच में स्नान करना सर्वोत्तम बताया गया है। इसे मुनि स्नान कहा जाता है। हिंदू धर्म में 6 से 8 के बीच का स्नान सभी के लिए उचित बताया गया है। वहीं, 8 बजे के बाद करना राक्षसी स्नान कहलाता है। जो शुभ नहीं माना जाता।
सबसे पहले शरीर के इस अंग पर डालें पाना
नहाते समय पानी डालने की शुरूआत हमेशा सिर से करें। ऐसा करने से दिमाग की गर्मी शांत होती है। लेकिन पानी बहुत ठंडा नहीं होना चाहिए। पानी इस तरह डालें कि वह आपका पूरा शरीर गीला हो। इसके लिए आप फव्वारें का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
नहाते समय कौन-सा मंत्र बोलना चाहिए
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
नहाते समय इस मंत्र को बोलने से व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती है।
न करें ये गलतियां
कुछ लोगों की आदत होती है कि वह नहाने के बाद बाथरूम को गंदा ही छोड़ देते हैं। यह आदत इंसान के व्यक्तित्व पर भी प्रभाव डालती ही है। जो लोग नहाने के बाद बाथरूम में साबुन का पानी रखा छोड़ देते हैं, उन्हें जीवन में कंगाली का सामना करना पड़ता है। क्योंकि साफ-सफाई न रखने वाले लोगों को शनि देव का गुस्सा झेलना पड़ता है।
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