Move to Jagran APP

Bhadra Vishti karana: नवंबर में किन तिथियों पर रहेगा भद्रा का साया? भूलकर भी न करें ये कार्य

सनातन धर्म में भद्रा विष्टि कारण की अवधि को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस अवधि के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। जैसे कि सगाई विवाह गृह प्रवेश और समेत आदि। ऐसा माना जाता है कि भद्रा विष्टि कारण के दौरान शुभ कार्यों करने से उनमें सफलता प्राप्त नहीं होती है। चलिए जानते हैं नवंबर महीने के भद्रा विष्टि करण के समय के बारे में।

By Jagran News Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 26 Oct 2024 03:37 PM (IST)
Hero Image
Bhadra Vishti karana: नवंबर महीने में इन तिथियों पर न करें शुभ काम
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhadra Vishti Karana 2024 November: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। शास्त्र में भद्रा विष्टि करण के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है। भद्रा विष्टि करण के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित है। मान्यता है कि शुभ कार्यों को करने से कार्यों में सफलता प्राप्त नहीं होती है और जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस दौरान किए जाने वाले कार्यों में बाधा का सामना करना पड़ता है। पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो भद्रा विष्टि करण के समय में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। आइए, नवंबर महीने में भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय जानते हैं।

नवंबर महीने के भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय

  • 05 नवंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह के 11 बजकर 50 मिनट से लेकर 06 नवंबर को मध्य रात्रि के 12 बजकर 20 मिनट तक है।
  • 08 नवंबर को भद्रा विष्टि करण का योग रात 11 बजकर 56 मिनट से 09 नवंबर को सुबह 11 बजकर 25 मिनट तक है।
  • 12 नवंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 05 बजकर 28 मिनट से 12 नवंबर को 04 बजकर 11 मिनट तक है।
  • 15 नवंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 06 बजकर 19 मिनट से 15 नवंबर को शाम 04 बजकर 40 मिनट तक है।
  • 18 नवंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 08 बजकर 01 मिनट से लेकर 18 नवंबर को शाम 07 बजकर 02 मिनट तक है।
  • 21 नवंबर को भद्रा विष्टि करण का योग शाम को 05 बजकर 03 मिनट से 22 नवंबर को सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक है।
  • 25 नवंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 11 बजकर 38 मिनट से 26 नवंबर को रात्रि के 01 बजकर 06 मिनट तक है।
  • 29 नवंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 01 बजकर 29 मिनट से 23 अक्टूबर को दोपहर के 09 बजकर 34 मिनट तक है।
यह भी पढ़ें: Dhanteras पर मां लक्ष्मी और जी की मूर्ति लेते समय इन बातों का रखें ध्यान, धन लाभ के बनेंगे योग

भूलकर न करें भद्रा में यात्रा

भद्रा के दौरान किसी काम को लेकर यात्रा न करें। अगर किसी जरूरी काम को लेकर यात्रा करनी है, तो एक बात का विशेष बात का ध्यान रखें कि जिस में दिशा में भद्रा का वास हो, तो उस दिशा में यात्रा न करें। इससे कार्य में सफलता प्राप्त नहीं होगी।

यह भी पढ़ें: Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी पर इस तरह प्राप्त करें मां लक्ष्मी की कृपा, पूजा का मिलेगा पूर्ण फल

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।