Bhadra Vishti karana: अक्टूबर में इन तिथियों पर न करें ये शुभ कार्य, वरना भुगतने पड़ सकते हैं बुरे परिणाम
सनातन धर्म में भद्रा विष्टि कारण का विशेष महत्व है। इस अवधि के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। जैसे कि सगाई विवाह गृह प्रवेश और समेत आदि। धार्मिक मान्यता है कि इन कार्यों को करने से साधक को शुभ कार्यों में सफलता प्राप्त नहीं होती है। आइए जानते हैं अक्टूबर माह के भद्रा विष्टि करण के समय के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhadra Vishti Karana 2024 October: ज्योतिष शास्त्र में भद्रा विष्टि करण के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस अवधि के दौरान किसी भी नए कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से कार्यों में सफलता प्राप्त नहीं होती है और जातक के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो भद्रा विष्टि करण के समय में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। आइए, अक्टूबर महीने में भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय जानते हैं।
अक्टूबर महीने के भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय
- 30 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग शाम को 07 बजकर 11 मिनट से 01 अक्टूबर को सुबह के 08 बजकर 26 मिनट तक है।
- 06 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग रात 08 बजकर 52 मिनट से 07 अक्टूबर को 09 बजकर 50 मिनट तक है।
- 10 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से 11 अक्टूबर को मध्य रात्रि 12 बजकर 30 मिनट तक है।
- 13 अक्टूबर भद्रा विष्टि करण का योग शाम 07 बजकर 58 मिनट से लेकर 14 अक्टूबर को सुबह के 06 बजकर 45 मिनट तक है।
- 16 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग रात 08 बजकर 42 मिनट से 17 अक्टूबर को सुबह के 06 बजकर 48 मिनट तक है।
- 19 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग रात 08 बजकर मिनट से 20 अक्टूबर को सुबह के 06 बजकर 49 मिनट तक है।
- 23 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग रात 01 बजकर 29 मिनट से 23 अक्टूबर को दोपहर के 01 बजकर 23 मिनट तक है।
- 26 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग शाम 04 बजकर 19 मिनट से 27 अक्टूबर को सुबह के 05 बजकर 31 मिनट तक है।
- 30 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग दोपहर के 01 बजकर 20 मिनट से 31 अक्टूबर को मध्य रात्रि 02 बजकर 40 मिनट तक है।
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