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Bhadra Vishti karana: सितंबर महीने में इन तिथियों पर न करें कोई शुभ काम, वरना भुगतने पड़ सकते हैं बुरे परिणाम

ज्योतिषियों की मानें तो सुखों के कारक शुक्र देव सितंबर महीने (Bhadra Vishti karana) में राशि परिवर्तन करेंगे। इस महीने में शुक्र देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर करेंगे। शुक्र देव तुला राशि के स्वामी हैं। वहीं मीन राशि में शुक्र देव उच्च के होते हैं। अतः कई राशि के जातकों के लिए सितंबर का महीना शुभ रहने वाला है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 28 Aug 2024 09:16 PM (IST)
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Bhadra Vishti karana: क्या है भद्रा विष्टि करण ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhadra Vishti Karana: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सितंबर के महीने में तीन बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे। इससे राशि चक्र की सभी राशियों पर भाव अनुसार प्रभाव पड़ेगा। इनमें कई राशि के जातकों को शुभ फल प्राप्त होगा। इस महीने में ही पितृ पक्ष है। आसान शब्दों में कहें तो इस महीने में ही पितरों का आगमन धरती पर होगा। इस दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है। वहीं, पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो भद्रा विष्टि करण के समय भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। आइए, सितंबर महीने में भद्रा विष्टि करण की तिथियां और समय जानते हैं।

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भद्रा विष्टि करण सितंबर 2024

  • 01 सितंबर को विष्टि करण समय देर रात 03 बजकर 44 मिनट से लेकर 1 सितंबर को संध्याकाल 04 बजकर 30 मिनट तक है।
  • 07 सितंबर को विष्टि करण समय देर रात 11 बजकर 45 मिनट से 07 सितंबर को सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक है।
  • 10 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग है। 10 सितंबर को देर रात 11 बजकर 10 मिनट से 01 सितंबर को सुबह 11 बजकर 38 मिनट तक है।
  • 14 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 09 बजकर 45 मिनट से है। इस योग का समापन रात 08 बजकर 45 मिनट पर होगा।
  • 17 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 11 बजकर 42 मिनट से है। इस योग का समापन रात 09 बजकर 45 मिनट पर होगा।
  • 20 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग सुबह 10 बजकर 50 मिनट से है। इस योग का समापन रात 09 बजकर 20 मिनट पर होगा।
  • 23 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से है। इस योग का समापन 24 सितंबर को देर रात 01 बजकर 13 मिनट पर होगा।
  • 27 सितंबर को भद्रा विष्टि करण का योग देर रात 12 बजकर 48 मिनट से है। इस योग का समापन 27 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 21 मिनट पर होगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।