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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर भगवान शिव को लगाएं प्रिय भोग, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता

हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया जाता है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत 31 अगस्त को किया जाएगा। इस दिन भगवान शिव को प्रिय चीजों को भोग जरूर लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। चलिए इस लेख में जानते हैं महादेव के भोग के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 27 Aug 2024 11:59 AM (IST)
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Lord Shiv: महादेव के भोग में शामिल करें प्रिय चीजें

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में त्रयोदशी तिथि को बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह तिथि महादेव को समर्पित है। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना संध्याकाल में करने का विधान है। साथ ही जीवन के दुखों को दूर करने के लिए व्रत किया जाता है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और प्रिय भोग के बारे में।

प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 31 अगस्त को देर रात 02 बजकर 25 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 01 सितंबर को देर रात 03 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसलिए 31 अगस्त को प्रदोष व्रत किया जाएगा। 

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इन चीजों का भोग लगाएं 

  • अगर आप संतान सुख की प्राप्ति में बाधा का सामना कर रहे हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा कर दही और घी लगाएं का भोग लगाएं। ऐसा करने से साधक की संतान से जुड़ी समस्या दूर होती है।
  • प्रदोष व्रत के दिन शिव जी को सूजी के हलवे का भी भोग लगाएं। इससे मनचाही इच्छा पूरी होती है।
  • आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए भगवान शंकर को सूखे मावे अर्पित करना फलदायी साबित होता है। इस भोग को अर्पित करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और धन की प्राप्ति होती है।

भोग लगाते समय इस मंत्र का करें जाप

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

इस मंत्र का अर्थ है कि हे भगवान जो भी मेरे पास है। वो आपका दिया हुआ है। मैं आपको दिया हुआ अर्पित करता हूं। मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।