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Bhadrapada Amavasya: 2 या 3 सितंबर, कब है भाद्रपद अमावस्या ? जानें सही डेट और स्नान-दान का समय

भाद्रपद अमावस्या के दिन किसी भी प्रकार का शुभ व नया कार्य नहीं करना चाहिए। हालांकि यह अवधि धार्मिक कार्यों के लिए शुभ मानी गई है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान शनि दोष गृह दोष निवारण पितरों का तर्पण और दान आदि के लिए अच्छा माना जाता है तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 29 Aug 2024 02:35 PM (IST)
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Bhadrapada Amavasya: भाद्रपद अमावस्या कब है ?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अमावस्या का हिंदुओं के बीच बड़ा धार्मिक महत्व है। इस दिन लोग विभिन्न प्रकार की धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां करते हैं। इस बार भाद्रपद अमावस्या बेहद विशेष मानी जा रही है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पितरों की पूजा और गंगा स्नान करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। वहीं, इस दिन की तिथि और समय को लेकर लोगों के मन में काफी शंका बनी हुई है, तो चलिए इसकी सही तिथि के बारे में जानते हैं।

भाद्रपद अमावस्या कब है ? (Bhadrapada Amavasya 2 or 3 September 2024)

हिंदू भाद्रपद अमावस्या तिथि 2 सितंबर, 2024 को सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 3 सितंबर को सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर होगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या में स्नान और दान उदयातिथि में मान्य होता है। इसलिए भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर को मनाई जाएगी।

सोमवती अमावस्या (Somvati amavasya) पर स्नान-दान सुबह 04 बजकर 38 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 24 मिनट के बीच होगा। इसके साथ ही पितरों का श्राद्ध कर्म दोपहर 12 बजे के बाद, सूर्यास्त से पहले किया जाएगा।

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भाद्रपद अमावस्या पूजा नियम

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • इस दिन गंगा नदी में स्नान करने का खास महत्व है।
  • भगवान सूर्य को जल अर्पित करें और अपने कल्याण के लिए प्रार्थना करें।
  • इस दिन पितरों की शांति के लिए पितृ पूजा और पितृ तर्पण करने का भी विधान है।
  • इस दिन दान-पुण्य करना अत्यधिक पुण्यदायी माना गया है, ऐसे में अपनी क्षमता अनुसार दान करें।
  • ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र और दक्षिणा जरूर दें।
  • इस दिन तामसिक चीजों से पूर्णता दूरी बनाएं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।