Shree Satyanarayan Pooja: सितंबर महीने में इस दिन करें श्रीसत्यनारायण पूजा, आर्थिक तंगी होगी दूर
सनातन शास्त्रों में निहित है कि जगत के नाथ भगवान विष्णु के शरणागत (Shree Satyanarayan Pooja) रहने वाले साधकों की हर इच्छा अवश्य ही पूर्ण होती है। अतः एकादशी और पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा जाती है। श्री सत्यनारायण देव की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मुक्ति मिलती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shree Satyanarayan Pooja: वैदिक पंचांग के अनुसार, 18 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा है। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस शुभ तिथि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद विधि-विधान से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा, जप-तप करते हैं। पूर्णिमा तिथि पर साधक अपने घरों पर सत्यनारायण देव की पूजा भी करते हैं। धार्मिक मत है कि पूर्णिमा तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-उपासना करने से साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है। सत्यनारायण देव की पूजा हेतु शुभ मुहूर्त का विचार नहीं किया जाता है। किसी दिन और किसी समय सत्यनारायण देव की पूजा कर सकते हैं। आइए, श्री सत्यनारायण देव की पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
यह भी पढ़ें: Kanya Sankranti 2024: सितंबर महीने में कब मनाई जाएगी कन्या संक्रांति? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 17 सितंबर को भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 18 सितंबर को सुबह 08 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी। अतः 18 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा है। साधक 17 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा व्रत रख सकते हैं। वहीं, 18 सितंबर को श्री सत्यनारायण पूजा कर सकते हैं। इस वर्ष 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी है। अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट पर
चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 37 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
यह भी पढ़ें: Bhadrapada Purnima 2024: सितंबर महीने में कब है भाद्रपद पूर्णिमा? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'