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Bhagavad Gita: कदम-कदम पर देखना पड़ रहा है हार का मुंह, तो इन आदतों को छोड़ने की है जरूरत

Geeta lessons for success माना गया है भगवद गीता में मनुष्य को अपनी हर परेशानी का हल मिल सकता है। भगवान श्री कृष्ण ने भागवत गीता में कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताया है जिनके कारण व्यक्ति हो जीवन में हार का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप में भी ये आदतें हैं तो इन्हें आज ही छोड़ने की जरूरत है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 23 Nov 2023 04:55 PM (IST)
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Bhagavad Gita जीवन में अपनाएं गीता के ये उपदेश।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Bhagavad Gita Updesh: भगवद गीता को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र ग्रंथ माना गया है। गीता के अनुयायी केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे विश्व में गीता पढ़ने वाले लोग पाए जाते हैं। अगर आपको जीवन के हर क्षेत्र में हर का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको गीता में लिखी ये बातें जरूर पढ़नी चाहिए। यह आपके जीवन बहुत काम आ सकती हैं।

सुख दुख में साथ नहीं देते ऐसे लोग

भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि जो लोग खुद में रहना पसंद करते हैं और अपने मित्रों या परिवारजनों से दूरी बनाकर रखते हैं, उन्हें जीवन में कई असफलताओं का सामना करना पड़ता है। क्योंकि यह लोग सुख-दुख में किसी का साथ नहीं देते।

छोड़ दें ऐसा व्यवहार

अगर आप संकोची हैं, तो इस स्थिति में भी सफलता मिलना मुश्किल है। वहीं, अगर कोई व्यक्ति अहंकार से भरा है तो उसे भी हार का सामना करना पड़ता है। क्योंकि ज्ञान एक ऐसी चीज है, जो बांटने से बढ़ती है और अहंकार व्यक्ति के कर्मों का नाश कर देता है।

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सफल नहीं होने देती ये आदतें

यदि कोई व्यक्ति किसी चीज को पाने के लिए जल्दबाजी दिखता है, तो वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल नहीं होता। इसलिए विवेक रखना बहुत जरूरी है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति में तुलना करने की आदत पाई जाती है या फिर ईर्ष्या का भाव होता है, तो इस स्थिति में भी सफलता हाथ लगना मुश्किल है।

आत्म मूल्यांकन जरूरी

जो व्यक्ति स्वयं का मूल्यांकन करना नहीं जानता वह व्यक्ति भी कभी सफलता हासिल नहीं कर पाता। क्योंकि अपनी ताकत और कमजोरियों को जाने बिना कोई भी युद्ध नहीं जीता जा सकता, चाहे वह जीवन रूपी युद्ध क्यों न हो।

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