Bhagavad Gita Gyan: जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए करें गीता के इन उपदेशों का पालन
Bhagavad Gita Gyan श्रीमद्भागवद्गीता को ज्ञान का सागर माना जाता है। इसमें भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को जीवन ज्ञान देते हुए बताया था कि मनुष्य को अपने जीवन काल में किन कर्मों का पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं।
गीता के महत्वपूर्ण उपदेश
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भगवद गीता में श्री कृष्ण ने बताया है कि व्यक्ति को आत्ममंथन अवश्य करते रहना चाहिए। ऐसा करने से वह जीवन में कर रहे गलतियों का आकलन कर सकता है और अपने निर्णय को दृढ़ता से व सोच-समझकर ले सकता है।
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गीता में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को अपने क्रोध पर भी काबू रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आवेश में आकर व्यक्ति अपना नियंत्रण खो बैठता है और अधिकांश समय गलत निर्णय लेता है। जिस कारण से उसे भविष्य में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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श्री कृष्ण भगवद गीता में बताया है कि मनुष्य को अपने मन एवं चित्त पर संयम रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि मन चंचल प्रवृत्ति का होता है और जिसके कारण गलत निर्णय लिए जाने का भय निरंतर बना रहता है। वहीं जो व्यक्ति मन पर नियंत्रण प्राप्त कर लेता है वही सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ता रहता है।
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भगवद गीता में यह भी बताया गया ही कि व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्राप्त होता है। इसलिए मनुष्य को अपने जीवनकाल में सदैव सद्कर्म ही करते रहना चाहिए। ऐसा ही व्यक्ति को भगवान का आशीर्वाद मिलता है और वह सभी दुखों से दूर रहता है।