Bhai Dooj 2023 Shubh Muhurat: आज मनाया जाएगा भाई दूज का पर्व, नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा समय
Bhai Dooj Shubh Muhurat भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक पर्व भाई दूज देशभर में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस शुभ अवसर पर बहनें भाई के माथे पर तिलक करती हैं और हाथ में कलावा यानी रक्षा सूत्र बांधती हैं। साथ ही भाई अपनी बहनों को गिफ्ट देते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 15 Nov 2023 09:48 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhai Dooj 2023: हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज (Bhai Dooj Date) मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक पर्व भाई दूज देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस शुभ अवसर पर बहनें भाई के माथे पर टीका और हाथ में कलावा यानी रक्षा सूत्र बांधती हैं।
भाई भी अपनी बहन को गिफ्ट देते हैं। हालांकि, भाई दूज (Bhai Dooj Shubh Muhurat) की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ज्योतिषियों की मानें तो सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः उदया तिथि पर पर्व मनाना शुभ माना जाता है। अगर आप भी भाई दूज की तिथि को लेकर दुविधा में हैं, तो भाई दूज का शुभ मुहूर्त एवं पूजा का सही समय नोट करें।
शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट तक है। इसके पश्चात, द्वितीया तिथि (Bhai Dooj Date) शुरू होगी। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 14 नवंबर को 02 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 15 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक है। यह पर्व दिन की बेला में मनाया जाता है। अत: 14 नवंबर को दोपहर के समय से बहनें अपने भाई के माथे पर टीका लगा सकती हैं और कलावा बांध सकती हैं। कुल मिलाकर कहें तो सुविधा अनुसार, 14 नवंबर से लेकर 15 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक भाई दूज (Bhai Dooj kab hai) मना सकते हैं।
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टीके का शुभ समय
भाई दूज के दिन टीके का शुभ समय दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर 03 बजकर 19 मिनट तक है। इस समय में बहनें पूजा कर भाई की सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना कर सकती हैं। इस दिन यम द्वितीया भी मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम देवता अपनी बहन यमुना जी के घर गये थे।
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