Bhai Dooj 2023: भाई दूज पर इन बातों को न करें अनदेखा, इस विधि से लगाएं टीका
Bhai Dooj 2023 भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती हैं जबकि भाई उन्हें उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का अमिट वादा करते हैं। भाई दूज (Bhai Dooj) को भैया दूज भाऊ बीज भात्र द्वितीया भाई द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Mon, 13 Nov 2023 02:33 PM (IST)
धर्म डेस्क,नई दिल्ली। Bhai Dooj 2023: हिंदू धर्म में भाई दूज का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यह हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह शुभ दिन रोशनी के त्योहार दिवाली के दो दिन बाद और गोवर्धन पूजा के एक दिन बाद आता है। यह त्योहार भाई और बहन के बीच प्यार और पवित्र बंधन का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती हैं, जबकि भाई उन्हें उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का अमिट वादा करते हैं। भाई दूज को भैया दूज, भाऊ बीज, भात्र द्वितीया, भाई द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।लेकिन कई बार लोग इस पर्व पर कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसे अशुभ माना जाता है। दरअसल, हम तिलक लगाने के सही तरीके की बात कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं क्या है तिलक लगाने का सही तरीका ?
भाई दूज पर ऐसे लगाएं तिलक
- भाई के माथे पर तिलक लगाते समय उसका मुख उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए, जबकि बहन का मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- भाई दूज की पूजा करते समय भाई को लकड़ी की चौकी पर बिठाना चाहिए, उसे न कुर्सी पर बिठाना चाहिए, नाही खड़े होने के दौरान तिलक करना चाहिए।
- टीका करने के बाद भाई की कलाई पर मौली धागा अवश्य बांधना चाहिए और आरती करनी चाहिए।
- भाई दूज के दौरान शुभ मुहूर्त के अनुसार ही तिलक करना शुभ माना गया है।
- बहनों को अपने भाई के माथे पर टीका लगाने से पहले कोई भी उपहार स्वीकार नहीं करना चाहिए
- भाई दूज के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए।
- भाई दूज के दौरान मांसाहार से बचना चाहिए।
- अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दिन भाई-बहनों को कोशिश करनी चाहिए कि लड़ाई-झगड़ा न करें, क्योंकि यह एक शुभ अवसर है।