Bhai Dooj 2024 Tilak: इन चीजों से करें भाई दूज पर तिलक, रखें इन बातों का ध्यान
भाई दूज का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके लिए स्वादिष्ट भोजन तैयार करती हैं। वहीं भाई उन्हें उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का अमिट वादा करते हैं। इस पर्व को (Bhai Dooj 2024 Tilak Tips) को भैया दूज भाऊ बीज भात्र द्वितीया भाई द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
धर्म डेस्क,नई दिल्ली। सनातन धर्म में भाई दूज का पर्व बेहद खास माना गया है। यह हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह दिन दीपावली के दो दिन बाद और गोवर्धन पूजा के एक दिन बाद आता है। यह पर्व भाई-बहन के बीच प्यार और पवित्र बंधन का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ (Bhai Dooj 2024) दिन पर बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती हैं, जबकि भाई उन्हें उपहार देते हैं और उनकी सदैव रक्षा करने का अमिट वादा करते हैं।
बता दें, इसे भैया दूज, भाऊ बीज, भात्र द्वितीया, भाई द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
इन चीजों से करें भाई का तिलक (Bhai Dooj 2024 Tilak Tips)
भाई दूज पर कुमकुम, केसर, हल्दी, चंदन आदि चीजों का तिलक करना उत्तम माना जाता है। ऐसे में आप इनमें से किसी भी चीज से तिलक कर सकते हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इन चीजों के तिलक से भाई को सुरक्षा, सफलता, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। वहीं, तिलक के दौरान कुछ चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए, तभी तिलक पूर्ण होता है।
तिलक के दौरान इन बातों का रखें ध्यान (Bhai Dooj 2024 Tilak Rules)
- भाई दूज के शुभ अवसर (Bhai Dooj 2024 Rituals ) पर भाई के माथे पर तिलक करते समय इस बात का ध्यान रखें कि भाई का मुख उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। वहीं, बहन का मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- तिलक के दौरान भाई को लकड़ी की चौकी पर बिठाएं, किसी कुर्सी या फिर खड़े होने के दौरान तिलक न करें।
- टीका करने के बाद भाई की कलाई पर मौली धागा जरूर बांधें और आरती करें।
- भाई दूज के दौरान शुभ मुहूर्त पर ही तिलक की रस्म पूर्ण करें।
- तिलक करने से पहले अपने भाईयों से बहनें उपहार न लें।
- इस दिन भाई और बहन सात्विक भोजन ही करें।
- इस मौके पर मांसाहार से बचें।
- अंतिम लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दिन भाई-बहन आपस में लड़ाई-झगड़ा न करें, क्योंकि यह बहुत ही शुभ दिन होता है।
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