Bhai Dooj 2024: भाई दूज पर शोभन योग समेत बन रहे हैं ये मंगलकारी संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल
सनातन धर्म में कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होते हैं। इस शुभ अवसर पर देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi Date 2024) मनाई जाती है। इसके अगले दिन तुलसी विवाह उत्सव मनाया जाता है। चिरकाल में भगवान विष्णु और तुलसी माता कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को परिणय सूत्र में बंधे थे।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 30 Oct 2024 04:20 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 03 नवंबर को भाई दूज है। भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक पर्व भाई दूज हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को (Bhai Dooj Date) मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि चिरकाल में यम देवता कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर अपनी बहन यमुना जी के घर पधारे थे। इस शुभ अवसर पर यमुना जी ने अपने भाई यम देव का आदर-सत्कार कर भोजन कराया था। तत्कालीन समय से दीवाली के दो दिन बाद भाई दूज मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी आयु हेतु यम देवता की पूजा कर भाई के माथे पर टीका लगाती हैं और हाथ में रक्षा सूत्र बांधती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो भाई दूज पर शोभन योग समेत कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में यम देव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ मुहूर्त, योग और पंचांग जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 02 नवंबर को संध्याकाल 08 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 03 नवंबर को रात 10 बजकर 50 मिनट पर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। पंचांग गणना के अनुसार, 03 नवंबर को भाई दूज मनाया जाएगा। इस दिन तिलक हेतु शुभ समय दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक है।टीके का शुभ समय
दूज के दिन बहनें अपने भाई को सुविधा अनुसार पर यम देव की पूजा कर सकती हैं। वहीं, दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर 03 बजकर 22 मिनट के मध्य भाई के हाथ पर रक्षा सूत्र बांध कर टीका लगा सकती हैं। इस समय अपने भाई के सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए यम देव से कामना कर सकती हैं। वहीं, भाई आर्थिक स्थिति के अनुसार अपनी बहन को उपहार दे सकते हैं।