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Bhanu Saptami 2024: भानु सप्तमी पर शुभ योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, प्राप्त होगा दोगुना फल

सनातन धर्म में रथ सप्तमी (Bhanu Saptami 2024) पर्व का विशेष महत्व है। इस विशेष तिथि पर साधक सर्वप्रथम गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। सुविधा ने होने पर घर पर ही गंगाजल युक्त पानी से स्नान करते हैं। इसके पश्चात लाल या पीले रंग का वस्त्र धारण सूर्य देव को जल का अर्घ्य देते हैं और सूर्य उपासना करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 06 Aug 2024 02:15 PM (IST)
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Bhanu Saptami 2024: भानु सप्तमी का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhanu Saptami 2024: हर महीने कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर भानु सप्तमी मनाई जाती है। सावन महीने में भानु सप्तमी 11 अगस्त को मनाई जाएगी। सनातन शास्त्रों में निहित है कि रथ सप्तमी पर आत्मा के कारक सूर्य देव का प्रादुर्भाव हुआ है। अतः रथ सप्तमी तिथि पर भगवान भास्कर की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो भानु सप्तमी तिथि पर कई शुभ एवं मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में सूर्य देव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं-

भानु सप्तमी शुभ मुहूर्त

सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 11 अगस्त को सुबह 05 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 55 मिनट पर होगा। सावन महीने में 11 अगस्त को रथ सप्तमी मनाई जाएगी।

शुभ योग

ज्योतिषियों की मानें तो भानु सप्तमी पर सबसे पहले शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 03 बजकर 49 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 12 अगस्त को शाम 04 बजकर 26 मिनट पर होगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से लेकर 12 बजकर 58 मिनट तक है। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 34 मिनट तक है। इसके अलावा, रथ सप्तमी पर स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है। वहीं, गर एवं वणिज करण के भी संयोग बन रहे हैं।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 02 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर

चंद्रास्त- शाम 10 बजकर 58 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 38 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 02 मिनट से 07 बजकर 24 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 10 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'