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Bhaum Pradosh Vrat 2024: जून में कब मनाया जाएगा प्रदोष व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

प्रदोष व्रत भगवान शंकर को बेहद प्रिय है। हर महीने दो प्रदोष व्रत आते हैं। इस बार यह व्रत 04 जून दिन मंगलवार को रखा जाएगा। मंगलवार को पड़ने की वजह से इसे भौम प्रदोष (Bhaum Pradosh Vrat june 2024) के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन शिव जी की पूजा करने से परिवार के लोगों का विकास होता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 23 May 2024 02:52 PM (IST)
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Bhaum Pradosh Vrat june 2024: प्रदोष व्रत पूजा विधि -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhaum Pradosh Vrat june 2024: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन लोग भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी नकारात्मकता दूर हो जाती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

इस बार प्रदोष व्रत 4 जून, 2024 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। मंगलवार को पड़ने की वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है, जब यह व्रत इतने करीब है, तो आइए इसकी तिथि और पूजा विधि जानते हैं -

कब है प्रदोष व्रत ?

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि ​04 जून ( अंग्रेजी केलेंडर के अनुसार) को रात्रि 12 बजकर 18 पर शुरू होगी। वहीं, ​इस तिथि की समाप्ति 04 जून को रात्रि 10 बजकर 01 मिनट पर होगी। पंचांग को देखते हुए इस बार प्रदोष व्रत 4 जून को मनाया जाएगा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • भगवान शिव और देवी पार्वती के सामने व्रत का संकल्प लें।
  • एक चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें।
  • गंगाजल से प्रतिमा को अच्छी तरह साफ करें।
  • देसी घी का दीपक जलाएं।
  • सफेद फूलों की माला अर्पित करें।
  • चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • भगवान शंकर को खीर, हलवा, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
  • प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करें।
  • प्रदोष पूजा शाम के समय ज्यादा फलदायी मानी जाती है, इसलिए प्रदोष काल में ही पूजा करें।
  • व्रती सात्विक भोजन से अपना व्रत अगले दिन खोलें।
  • व्रत के दौरान सिर्फ फलाहार करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।