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Bhaum Pradosh Vrat 2024: भौम प्रदोष व्रत पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 4 शुभ संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि महादेव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। साथ ही शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं। अतः प्रदोष व्रत पर साधक श्रद्धा-भाव से भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 12 Jan 2024 11:01 AM (IST)
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Bhaum Pradosh Vrat 2024: भौम प्रदोष व्रत पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 4 शुभ संयोग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhaum Pradosh Vrat 2024: सनातन धर्म में हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का पर्व मनाया जाता है। इस प्रकार पौष महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 23 जनवरी को है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि महादेव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं। अतः प्रदोष व्रत पर साधक श्रद्धा-भाव से भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो पौष प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा हेतु विशेष योग का निर्माण हो रहा है। इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त एवं जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 जनवरी को संध्याकाल 07 बजकर 51 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 23 जनवरी को 08 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिषियों की मानें तो उदया तिथि के चलते भौम प्रदोष व्रत 23 जनवरी को मनाया जाएगा।

शुभ योग

पौष प्रदोष व्रत पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 23 जनवरी को सुबह 07 बजकर 13 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 24 जनवरी को सुबह 06 बजकर 26 मिनट तक है। वहीं, 23 जनवरी को सुबह 08 बजकर 05 मिनट तक इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही कौलव, तैतिल और गर करण का भी निर्माण हो रहा है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 52 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 03 बजकर 33 मिनट पर

चंद्रास्त- सुबह 06 बजकर 20 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से 03 बजकर 02 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 50 मिनट से 06 बजकर 17 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 03 बजकर 13 मिनट से शाम 04 बजकर 32 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से 01 बजकर 53 बजे तक

दिशा शूल - उत्तर

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।