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Brahma Muhurta: ईश्वर की आराधना के लिए उत्तम होता है ब्रह्म मुहूर्त, इस समय न करें ये काम

Brahma Muhurta हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान सभी देवी-देवता पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं। इसलिए इस मुहूर्त में जागने वाले लोगों पर देवताओं की विशेष कृपा बरसती है। लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्य भी बताए गए हैं जिन्हें सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करने से व्यक्ति को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sat, 05 Aug 2023 11:36 AM (IST)
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Brahma Muhurta ब्रह्म मुहूर्त में न करें ये काम।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Brahma Muhurta: प्राचीन काल से ही सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जागने का विधान है। इससे न केवल धार्मिक लाभ होते हैं बल्कि कई शारीरिक लाभ भी मिलते हैं। यह समय ईश्वर की आराधना के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इसलिए पवित्रता बनाए रखने के लिए इस दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही भी है।

ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ

ब्रह्म मुहूर्त शब्द में  'ब्रह्म' का अर्थ है परमात्मा और 'मुहूर्त' का अर्थ है समय, इसलिए ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ हुआ परमात्मा का समय। ब्रह्म मुहूर्त रात्रि प्रहर के बाद और सूर्योदय से ठीक पहले का समय होता है। शास्त्रों के अनुसार, सुबह 4 बजे से सुबह 5:30 के बीच का समय ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है।

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति रोज ब्रह्म मुहूर्त में उठता है उस पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने की आदत व्यक्ति को सफलता के शिखर तक ले जाती है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति का शरीर सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है साथ ही शारीरिक शक्ति भी बढ़ती है। जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठता है उसे अच्छा स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। साथ ही उसे बुद्धि, विद्या और सौंदर्य प्राप्त होती है।

ब्रह्म मुहूर्त में न करें भोजन

भूलकर भी ब्रह्म मुहूर्त में भोजन नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इस आदत को सही नहीं माना गया। ऐसा करने पर आप कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।

मन में न लाएं ऐसे विचार

ब्रह्म मुहूर्त में व्यक्ति का मस्तिष्क जाग्रत रहता है। यह समय जीवन के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने, अहम योजनाएं बनाने के लिए बहुत उचित माना गया है। इसलिए ब्रह्म मुहूर्त के समय मन में कभी नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए, वरना आपको पूरे दिन तनाव महसूस होता है।

भूलकर भी न करें ये काम

ब्रह्म मुहूर्त ईश्वर के पूजन वंदन का समय होता है, इसलिए यह समय बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसलिए इस समय में प्रणय संबंध नहीं बनाने चाहिए। आयुर्वेद की दृष्टि से भी ब्रह्म मुहूर्त में संभोग करने को सही नहीं माना गया। ऐसा करने पर आप कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं। साथ ही इससे व्यक्ति की आयु भी कम होती है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'