Brihaspati Dev: जल्द विवाह के बनेंगे योग, ऐसे करें बृहस्पति देव को प्रसन्न
गुरुवार का दिन अपने आप में फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गुरु बृहस्पति की पूजा करने से जीवन की सभी मुश्किलों का अंत होता है। इसके साथ ही धन के साथ यश की प्राप्ति होती है जो लोग बृहस्पति देव को खुश करने की कामना रखते हैं उन्हें गुरुवार के उपवास के साथ केले के वृक्ष की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गुरु बृहस्पति की पूजा सनातन धर्म में सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। गुरुवार का दिन बृहस्पति देव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि उनकी पूजा करने से जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है। साथ ही सभी मुरादें पूर्ण होती है और जल्द विवाह का योग बनता है। जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति अच्छी नहीं, उनके विवाह में देरी होती है, ऐसे में गुरुवार के उपवास के साथ केले के वृक्ष की पूजा विधि अनुसार करें। पानी में हल्दी डालकर स्नान करें।
फिर ''बृहस्पति कवच और स्तोत्र'' (Brihaspati Kavach or strotra) का पाठ करें। अंत में आरती से पूजा को पूर्ण करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे। फिर गरीबों को भोजन खिलाएं और उन्हें कुछ दान आदि दें। इस उपाय को करने से बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही मनचाहा वर प्राप्त होता है।
।।बृहस्पति कवच (Brihaspati Kavach Lyrics)।।
अभीष्टफलदं देवं सर्वज्ञम् सुर पूजितम् ।अक्षमालाधरं शांतं प्रणमामि बृहस्पतिम् ॥
बृहस्पतिः शिरः पातु ललाटं पातु मे गुरुः ।कर्णौ सुरगुरुः पातु नेत्रे मे अभीष्ठदायकः ॥
जिह्वां पातु सुराचार्यो नासां मे वेदपारगः ।मुखं मे पातु सर्वज्ञो कंठं मे देवतागुरुः ॥भुजावांगिरसः पातु करौ पातु शुभप्रदः ।स्तनौ मे पातु वागीशः कुक्षिं मे शुभलक्षणः ॥नाभिं केवगुरुः पातु मध्यं पातु सुखप्रदः ।कटिं पातु जगवंद्य ऊरू मे पातु वाक्पतिः ॥जानुजंघे सुराचार्यो पादौ विश्वात्मकस्तथा ।अन्यानि यानि चांगानि रक्षेन्मे सर्वतो गुरुः ॥
इत्येतत्कवचं दिव्यं त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः ।सर्वान्कामानवाप्नोति सर्वत्र विजयी भवेत् ॥