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Brihaspati Pujan: गुरुवार के दिन करें बृहस्पति देव की विशेष पूजा, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि

गुरुवार के दिन गुरु बृहस्पति की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो जातक बृहस्पति देव की पूजा करते हैं उन्हें कभी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही गुरु बृहस्पति की कृपा उनके ऊपर सदैव बनी रहती है। ऐसे में सुबह उठकर पवित्र स्नान के बाद गुरुवार के दिन उनकी पूजा अवश्य करें। इसके अलावा उनके 108 नामों का जाप करें।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 14 Mar 2024 12:08 PM (IST)
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Brihaspati Dev Ke 108 Names - बृहस्पति देव के 108 नाम
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Brihaspati Dev Ke 108 Names: आज गुरुवार का दिन है। यह दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस खास दिन बृहस्पति देव की पूजा करते हैं और उनके लिए उपवास रखते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही गुरु बृहस्पति की कृपा उनके ऊपर सदैव बनी रहती है।

इसके अलावा इस विशेष दिन बृहस्पति देव के 108 नामों का जाप करना भी बेहद फलदायी माना जाता है। तो आइए यहां पढ़ते हैं -

''बृहस्पति देव के 108 नाम''

  • ॐ गुरवे नमः ।
  • ॐ गुणवराय नमः ।
  • ॐ गोप्त्रे नमः ।
  • ॐ गोचराय नमः ।
  • ॐ गोपतिप्रियाय नमः ।
  • ॐ गुणिने नमः ।
  • ॐ गुणवतां श्रेष्ठाय नमः ।
  • ॐ गुरूणां गुरवे नमः ।
  • ॐ अव्ययाय नमः ।
  • ॐ जेत्रे नमः ।
  • ॐ जयन्ताय नमः ।
  • ॐ जयदाय नमः ।
  • ॐ जीवाय नमः ।
  • ॐ अनन्ताय नमः ।
  • ॐ जयावहाय नमः ।
  • ॐ आङ्गीरसाय नमः ।
  • ॐ अध्वरासक्ताय नमः ।
  • ॐ विविक्ताय नमः ।
  • ॐ अध्वरकृत्पराय नमः ।
  • ॐ वाचस्पतये नमः।
  • ॐ वशिने नमः ।
  • ॐ वश्याय नमः ।
  • ॐ वरिष्ठाय नमः ।
  • ॐ वाग्विचक्षणाय नमः ।
  • ॐ चित्तशुद्धिकराय नमः ।
  • ॐ श्रीमते नमः ।
  • ॐ चैत्राय नमः ।
  • ॐ चित्रशिखण्डिजाय नमः ।
  • ॐ बृहद्रथाय नमः ।
  • ॐ बृहद्भानवे नमः।
  • ॐ बृहस्पतये नमः ।
  • ॐ अभीष्टदाय नमः ।
  • ॐ सुराचार्याय नमः ।
  • ॐ सुराराध्याय नमः ।
  • ॐ सुरकार्यहितङ्कराय नमः ।
  • ॐ गीर्वाणपोषकाय नमः ।
  • ॐ धन्याय नमः ।
  • ॐ गीष्पतये नमः ।
  • ॐ गिरीशाय नमः ।
  • ॐ अनघाय नमः ।
  • ॐ धीवराय नमः ।
  • ॐ धिषणाय नमः ।
  • ॐ दिव्यभूषणाय नमः ।
  • ॐ देवपूजिताय नमः ।
  • ॐ धनुर्धराय नमः ।
  • ॐ दैत्यहन्त्रे नमः ।
  • ॐ दयासाराय नमः ।
  • ॐ दयाकराय नमः ।
  • ॐ दारिद्र्यनाशनाय नमः ।
  • ॐ धन्याय नमः॥
  • ॐ दक्षिणायनसम्भवाय नमः ।
  • ॐ धनुर्मीनाधिपाय नमः ।
  • ॐ देवाय नमः ।
  • ॐ धनुर्बाणधराय नमः ।
  • ॐ हरये नमः ।
  • ॐ आङ्गीरसाब्जसञ्जताय नमः ।
  • ॐ आङ्गीरसकुलोद्भवाय नमः ।
  • ॐ सिन्धुदेशाधिपाय नमः ।
  • ॐ धीमते नमः ।
  • ॐ स्वर्णवर्णाय नमः।
  • ॐ चतुर्भुजाय नमः ।
  • ॐ हेमाङ्गदाय नमः ।
  • ॐ हेमवपुषे नमः ।
  • ॐ हेमभूषणभूषिताय नमः ।
  • ॐ पुष्यनाथाय नमः ।
  • ॐ पुष्यरागमणिमण्डलमण्डिताय नमः ।
  • ॐ काशपुष्पसमानाभाय नमः ।
  • ॐ कलिदोषनिवारकाय नमः ।
  • ॐ इन्द्रादिदेवोदेवेशाय नमः ।
  • ॐ देवताभीष्टदायकाय नमः ।
  • ॐ असमानबलाय नमः ।
  • ॐ सत्त्वगुणसम्पद्विभासुराय नमः ।
  • ॐ भूसुराभीष्टदाय नमः ।
  • ॐ भूरियशसे नमः ।
  • ॐ पुण्यविवर्धनाय नमः ।
  • ॐ धर्मरूपाय नमः ।
  • ॐ धनाध्यक्षाय नमः ।
  • ॐ धनदाय नमः ।
  • ॐ धर्मपालनाय नमः ।
  • ॐ सर्ववेदार्थतत्त्वज्ञाय नमः ।
  • ॐ सर्वापद्विनिवारकाय नमः ।
  • ॐ सर्वपापप्रशमनाय नमः ।
  • ॐ स्वमतानुगतामराय नमः ।
  • ॐ ऋग्वेदपारगाय नमः ।
  • ॐ ऋक्षराशिमार्गप्रचारवते नमः ।
  • ॐ सदानन्दाय नमः ।
  • ॐ सत्यसन्धाय नमः ।
  • ॐ सत्यसङ्कल्पमानसाय नमः ।
  • ॐ सर्वागमज्ञाय नमः ।
  • ॐ सर्वज्ञाय नमः ।
  • ॐ सर्ववेदान्तविदे नमः ।
  • ॐ वराय नमः ।
  • ॐ ब्रह्मपुत्राय नमः ।
  • ॐ ब्राह्मणेशाय नमः ।
  • ॐ ब्रह्मविद्याविशारदाय नमः ।
  • ॐ समानाधिकनिर्मुक्ताय नमः ।
  • ॐ सर्वलोकवशंवदाय नमः ।
  • ॐ ससुरासुरगन्धर्ववन्दिताय नमः ।
  • ॐ सत्यभाषणाय नमः ।
  • ॐ बृहस्पतये नमः ।
  • ॐ सुराचार्याय नमः ।
  • ॐ दयावते नमः ।
  • ॐ शुभलक्षणाय नमः ।
  • ॐ लोकत्रयगुरवे नमः ।
  • ॐ श्रीमते नमः ।
  • ॐ सर्वगाय नमः ।
  • ॐ सर्वतो विभवे नमः ।
  • ॐ सर्वेशाय नमः ।
  • ॐ सर्वदातुष्टाय नमः ।
  • ॐ सर्वदाय नमः ।
  • ॐ सर्वपूजिताय नमः ।
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