Buddha Purnima 2024: कब मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजन नियम
वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी नामक स्थान पर हुआ था इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2024) के नाम से भी जाना जाता है। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा का दिन बौद्धों के लिए शुभ होता है क्योंकि इस दिन गौतम बुद्ध के जीवन की तीन प्रमुख घटनाएं घटी थीं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व बौद्ध धर्म के लोगों के लिए बहुत खास होता है। इस दिन भक्त गौतम बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करते हैं और उनकी पूजा- अर्चना करते हैं। यह पर्व पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इस शुभ तिथि पर गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में हुआ था।
उन्होंने 35 वर्ष की आयु में निर्वाण प्राप्त किया। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 23 मई, 2024 को मनाई जाएगी, तो आइए इसे कैसे मनाते हैं उसके बारे में जानते हैं -
बुद्ध पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा की तिथि 22 मई, 2024 दिन बुधवार को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 23 मई, 2024 दिन गुरुवार शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए बुद्ध पूर्णिमा का पावन पर्व 23 मई, 2024 को मनाया जाएगा।
बुद्ध पूर्णिमा पूजन नियम
- बुद्ध पूर्णिमा पर भक्त अपने दिन की शुरुआत अपने घरों की सफाई के साथ करते हैं।
- इसके बाद कुछ लोग गंगा स्नान व घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल मिलाते हैं।
- फिर पूरे घर के चारों ओर गंगाजल छिड़कते हैं।
- इसके बाद एक मोमबत्ती या फिर दीपक जलाते हैं और अपने घरों को फूलों से सजाते हैं।
- प्रवेश द्वार के सामने हल्दी, रोली या कुमकुम से एक स्वस्तिक बनाते हैं।
- बोधि वृक्ष के पास दूध डालते हैं।
- इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को भोजन और कपड़े का दान करते हैं।
- इस दिन साधक तामसिक चीजों से दूर रहते हैं।
- इस दिन भूलकर भी किसी असहाय व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए।
अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।