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Buddha Purnima 2024: इस साल कब है बुद्ध पूर्णिमा? नोट करें डेट, मुहूर्त, महत्व एवं शुभ योग

हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। इस प्रकार 23 मई को वैशाख पूर्णिमा है। इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों में निहित है कि वैशाख पूर्णिमा तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। अतः हर वर्ष वैशाख पूर्णिमा तिथि पर बुद्ध जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा-उपासना की जाती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 21 Apr 2024 06:54 PM (IST)
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Buddha Purnima 2024: इस साल कब है बुद्ध पूर्णिमा? नोट करें डेट, मुहूर्त, महत्व एवं शुभ योग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Buddha Purnima 2024: हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। इस प्रकार 23 मई को वैशाख पूर्णिमा है। इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों में निहित है कि वैशाख पूर्णिमा तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन ज्ञान की प्राप्ति और परिनिर्वाण हुआ था। अतः हर वर्ष वैशाख पूर्णिमा तिथि पर बुद्ध जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा-उपासना की जाती है। इस अवसर पर लोग गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही पूजा-पाठ कर दान-पुण्य करते हैं। आइए, बुद्ध पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

बुद्ध पूर्णिमा 22 मई को देर रात 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 मई को संध्याकाल 07 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी।

भद्रावास योग

ज्योतिषियों की मानें तो बुद्ध पूर्णिमा पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 07 बजकर 09 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। शास्त्रों में वर्णित है कि भद्रा के पाताल और स्वर्ग लोक में रहने के दौरान मानव का कल्याण होता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 10 मिनट पर

चन्द्रोदय- शाम 07 बजकर 12 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 05 बजकर 45 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 29 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 03 बजकर 44 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 08 बजकर 52 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक

दिशा शूल - दक्षिण

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।