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Budh Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर बन रहे हैं 6 शुभ योग, शिव पूजन से मिलेगा अद्भुत लाभ

इस बार प्रदोष व्रत 19 जून को रखा जाएगा। बुधवार को पड़ने की वजह से इसे बुध प्रदोष के नाम से जाना जाता है। बता दें इस व्रत के प्रभाव से बड़े से बड़े कार्य को सिद्ध किया जा सकता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार का प्रदोष व्रत बहुत शुभ माना जा रहा है क्योंकि इस दिन 1 नहीं 6 शुभ योग का निर्माण हो रहा है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 16 Jun 2024 12:12 PM (IST)
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Budh Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत शुभ योग -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है। बुध प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। शिव पूजन से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस बार प्रदोष व्रत 19 जून, 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा। बुधवार को पड़ने की वजह से इसे बुध प्रदोष (Budh Pradosh Vrat 2024) के नाम से जाना जाता है। बता दें, इस व्रत के प्रभाव से बड़े से बड़े कार्य को सिद्ध किया जा सकता है।

वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार का प्रदोष व्रत बहुत शुभ माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन 1 नहीं 6 शुभ योग का निर्माण हो रहा है।

प्रदोष व्रत शुभ योग

  • सिद्ध योग - भोर से लेकर रात्रि 09 बजकर 12 मिनट तक
  • साध्य योग - रात्रि 09 बजकर 12 मिनट से अगले दिन रात्रि 08 बजकर 13 मिनट तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग - शाम 05 बजकर 23 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक
  • रवि योग - शाम 05 बजकर 23 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक
  • अमृत सिद्धि योग - शाम 05 बजकर 23 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक

प्रदोष व्रत तिथि और समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 19 जून, 2024 सुबह 07 बजकर 28 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए प्रदोष व्रत 19 जून दिन बुधवार को मनाया जाएगा।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।