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Budha Pradosh Vrat 2022: साल का अंतिम प्रदोष व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त और शुभ योग

Budha Pradosh Vrat 2022 प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विशेष उपासना का विधान है। इस साल का अंतिम प्रदोष व्रत मासिक शिवरात्रि एक ही दिन पड़ रहा है। आइए जानते हैं कब है इस साल का अंतिम प्रदोष व्रत तिथि और शुभ योग।

By Shantanoo MishraEdited By: Updated: Wed, 21 Dec 2022 08:52 AM (IST)
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Budha Pradosh Vrat 2022: जानें कब है साल का अंतिम प्रदोष व्रत।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Budha Pradosh Vrat 2022:  पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष उपासना का विधान है और उनकी पूजा प्रदोष काल अर्थात सूर्यास्त्र के बाद की जाती है। पौष मास में प्रदोष व्रत के दिन मासिक शिवरात्रि व्रत (Masik Shivratri 2022) का भी अद्भुत संयोग बन रहा है। ऐसे में इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से वैवाहिक जीवन में आ रही सभी अड़चने दूर हो जाती हैं।

प्रदोष व्रत मुहूर्त (Pradosh Vrat 2022 Date and Shubh Muhurat)

हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 दिसंबर 2022, मंगलवार को रात 11 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इसका समापन 21 दिसंबर 2022, बुधवार के दिन सात 08 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार प्रदोष व्रत 21 दिसंबर 2022 के दिन रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार प्रदोष पूजा का समय 21 दिसंबर के दिन शाम 06 बजकर 49 मिनट से रात 08 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। अर्थात पूजा के लिए कुल अवधि 01 घंटा 57 मिनट है।

प्रदोष व्रत शुभ योग (Budha Pradosh Vrat 2022 Shubh Yoga)

पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। दोनों योग 21 दिसंबर को प्रातः 07 बजकर 03 मिनट से शुरू होंगे और इसका समापन 22 दिसंबर प्रातः 05 बजकर 03 मिनट पर होगा। शास्त्रों के अनुसार इन दोनों योग में पूजा-पाठ करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है और भक्तों से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।