Move to Jagran APP

Chaiti Chhath 2024: चैती छठ के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य, जानें शुभ मुहूर्त

छठ का व्रत महिलाएं अपनी संतान की सलामती और उज्ज्वल भविष्य के लिए करती हैं। चैती छठ का तीसरा दिन आज यानी 14 अप्रैल को है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन होगा। चलिए जानते हैं डूबते सूर्य और उगते सूर्य अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 14 Apr 2024 11:04 AM (IST)
Hero Image
Chaiti Chhath 2024: चैती छठ के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य, जानें शुभ मुहूर्त
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaiti Chhath 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष में छठ का त्योहार 2 बार मनाया जाता है। एक पर्व चैत्र माह में और दूसरा कार्तिक माह में मनाया जाता है। दोनों ही त्योहार का अधिक महत्व है। छठ पर्व का महिलाएं अपनी संतान की अच्छे स्वास्थ्य और उन्नति के लिए लगातार 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चैती छठ का पर्व मनाया जाता है। यह महापर्व 4 दिन तक मनाया जाता है। चैती छठ का तीसरा दिन आज यानी 14 अप्रैल को है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन होगा। चलिए जानते हैं डूबते सूर्य और उगते सूर्य अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त के बारे में।  

यह भी पढ़ें: Masik Durgashtami 2024: अप्रैल में कब है मासिक दुर्गाष्टमी? अभी नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त

14 अप्रैल को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त शाम को 05 बजकर से 20 मिनट से लेकर 05 बजकर 55 मिनट तक है। इस शुभ समय के दौरान सूर्य को जल अर्पित कर सकते हैं।

उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त

इसके बाद अगले दिन यानी 15 अप्रैल को चैती छठ पर्व का समापन होगा। इस दिन महिलाएं उगते सूर्य अर्घ्य देती हैं। 15 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से लेकर 05 बजकर 55 मिनट तक सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ समय है।

छठ पूजा पूजा के नियम

  • छठ पूजा के समय झूठे बर्तनों को छूने की मनाही है।  
  • छठ पूजा में जो प्रसाद आप अर्पित कर रहे हैं वह खंडित नहीं होना चाहिए। पूजा की चीजों को साफ जगह पर रखना चाहिए।
  • प्रसाद बनाने से पूर्व स्नान कर लें और हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें।
  • इस दिन व्रती के साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।
यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2024: नवरात्र में जरूर ध्यान रखें वास्तु के ये नियम, कृपा बनाए रखेंगी माता रानी

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'