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Masik Shivratri 2024: यहां जानिए मासिक शिवरात्रि का पूजा मुहूर्त और नियम, विवाह से जुड़ी सभी मुश्किलें होंगी दूर

मासिक शिवरात्रि का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन का उपवास रखके भोलेनाथ को शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन का उपवास रखते हैं उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही विवाह से जुड़ी सभी मुश्किलें दूर होती हैं तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 07 Apr 2024 09:28 AM (IST)
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Masik Shivratri 2024: चैत्र मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि का उपवास बेहद पवित्र माना जाता है। यह देवों के देव महादेव की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन का उपवास रखके भोलेनाथ को शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन का उपवास रखते हैं उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

साथ ही विवाह से जुड़ी सभी मुश्किलें दूर होती हैं, तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं, जो यहां साझा की गई हैं -

चैत्र मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

  • चतुर्दशी तिथि पर शिव-पार्वती का विवाह हुआ था।
  • व्रती सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
  • साफ वस्त्र धारण करें।
  • भगवान शंकर के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
  • एक वेदी पर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।
  • पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करें।
  • उन्हें सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
  • बेलपत्र, भांग, धतूरा और सफेद फूल शिव जी को अर्पित करें।
  • खीर का भोग लगाएं।
  • शिव जी का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
  • अंत में आरती के साथ पूजा समाप्त करें।
  • अगले दिन सुबह प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें।

चैत्र मासिक शिवरात्रि 2024, का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि 7 अप्रैल 2024 को प्रात: 06 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 8 अप्रैल, 2024 को प्रात: 03 बजकर 21 मिनट पर होगा। इसके साथ ही पूजा का समय रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट तक का है। इस दौरान पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

भगवान शंकर का नमस्कार मंत्र

  • शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

    ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

शिव जी का महामृत्युंजय मंत्र

  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

    उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

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