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Chaitra Navratri 2024: दशकों बाद चैत्र नवरात्र पर बन रहे हैं ये 3 शुभ योग, प्राप्त होगा मां का आशीर्वाद

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 08 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि मान होने के चलते 09 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। इस दिन घटस्थापना हेतु शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 03 Apr 2024 02:14 PM (IST)
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Chaitra Navratri 2024: दशकों बाद चैत्र नवरात्र पर बन रहे हैं ये 3 शुभ योग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2024: हर वर्ष चैत्र माह की अमावस्या के अगले दिन से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है। चैत्र नवरात्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नौ दिनों तक व्रत रखा जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्र 09 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक है। धार्मिक मान्यता है कि ममतामयी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो दशकों बाद चैत्र नवरात्र पर एक साथ 3 शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में मां की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ योग के बारे में जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 08 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि मान होने के चलते 09 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। इस दिन घटस्थापना हेतु शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक है। इन 2 शुभ मुहूर्त में साधक घटस्थापना कर सकते हैं।

शुभ योग

ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इन दोनों योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 32 मिनट से लेकर अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 06 मिनट तक है। साथ ही चैत्र नवरात्र पर अश्विनी नक्षत्र का भी योग बन रहा है। अश्विनी नक्षत्र सुबह 07 बजकर 33 मिनट से है, जो अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 06 मिनट तक है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।