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Chaitra Navratri 2024: इन दो शुभ मुहूर्त में करें चैत्र नवरात्र पर घटस्थापना, घर होगा मां दुर्गा का आगमन

नवरात्र के नौ दिनों में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र के प्रथम दिवस पर घटस्थापना हेतु दो शुभ मुहूर्त के योग बन रहे हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 31 Mar 2024 02:51 PM (IST)
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Chaitra Navratri 2024: इन दो शुभ मुहूर्त में करें चैत्र नवरात्र पर घटस्थापना और पूजा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2024: हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक चैत्र नवरात्र का त्योहार मनाया जाता है। तदनुसार, इस साल 09 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक चैत्र नवरात्र है। नवरात्र के नौ दिनों में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र के प्रथम दिवस पर घटस्थापना हेतु दो शुभ मुहूर्त के योग बन रहे हैं। इन योग में घटस्थापना कर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को कभी न क्षय होने वाले फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 08 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 09 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी।

घटस्थापना मुहूर्त

ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र के प्रथम दिवस पर घटस्थापना हेतु शुभ मुहूर्त ब्रह्म बेला यानी सुबह में 06 बजकर 02 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है। साधक या व्रती इस समय में घटस्थापना कर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप की पूजा-आराधना कर सकते हैं।

अभिजीत मुहूर्त

अगर किसी कारणवश या काम की अधिकता के चलते सुबह के समय में घटस्थापना नहीं कर पाते हैं, तो अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना कर सकते हैं। अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक है। इस समय में भी साधक घटस्थापना कर मां की उपासना कर सकते हैं।

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।